कनाडा में आम चुनाव हो रहे हैं. आम चुनावों में प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की लिबरल पार्टी लीड कर रही हैं. लेकिन क्या मार्क कार्नी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत और कनाडा के रिश्ते पटरी पर आ पाएंगे. दरअसल, पूर्व कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल में भारत के साथ कनाडा के रिश्ते बहुत खराब हो गए थे. आए दिन ट्रूडो भारत पर गंभीर आरोप लगाते थे. भारत से बढ़ते तनाव के बीच उन्होंने इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद मार्क कार्नी अंतरिम प्रधानमंत्री बने और अब आम चुनाव के परिणाम तय करेंगे कि आखिर कनाडा का नया प्रधानमंत्री कौन होगा.
कनाडा के चुनावी परिणामों और कनाडा के नए प्रधानमंत्री से भारत को क्या लाभ होगा, आइये जानते हैं.
जैसा हमने आपको शुरुआत में बताया कि कार्नी चुनाव में लीड कर रहे हैं, वे नए प्रधानमंत्री बन सकते हैं. ऐसे में प्रधानमंत्री मार्क कार्नी का हालिया बयान बहुत अहम हो जाता है. उन्होंने हाल में संकेत दिया था कि अगर में सत्ता में वापसी करते हैं तो वे नई दिल्ली के साथ अपने संबंधों को दोबारा स्थापित कर सकते हैं. उन्होंने कहा था कि भारत के साथ कनाडा के संबंध अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण है. भारत के साथ कनाडा के लोगों के आर्थिक, रणनीतिक और मजबूत व्यक्तिगत संबंध हैं. उन्होंने कहा कि मैं भारत के साथ उन रिश्तों को हल करने की कोशिश करूंगा, जिन वजह से हमारे संबंधों में दरारें आईं.
दोनों देशों की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा पॉजिटिव असर
उन्होंने आगे कहा था कि मैं अपने अनुभवों से कह सकता हूं कि वैश्विक अर्थव्यवस्था हिली हुई है. उसका रूप बदल रहा है. ऐसे में कनाडा भारत के साथ आगे बढ़ सकता है. भारत और कनाडा मिलकर कई अवसर पैदा कर सकते हैं, जो निश्चित रूप से हमें व्यापार युद्ध से बाहर निकलने में मदद करेगा.
उच्चायुक्तों की नियुक्ति कर सकते हैं दोनों देश
बता दें, कार्नी सच में भारत के साथ रिश्ते सुधारने के लिए सकारात्मक हैं. उन्होंने इंटरव्यूज, ओंटारियो की किंग सिटी, ग्रेटर टोरंटो, कैलगरी सहित कई सारी चुनावी रैलियों और इंटरव्यूज में भारत के साथ रिश्ते सुधारने की बात की है. खबरें है कि कनाडा में नई सरकार के गठन के तुरंत बाद दोनों देश उच्चायुक्तों की नियुक्ति करने पर विचार कर रहे हैं. ऐसे में कहा जा सकता है कि कार्नी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत और कनाडा के रिश्तों में सुधार आ सकता है.
भारत भी कनाडा के साथ रिश्ते सुधारने के लिए तैयार
खास बात है कि सिर्फ कनाडा ही नहीं बल्कि अब भारत के रुख में भी नरमी आई है. पिछले माह ही विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था कि हमारी उम्मीद है कि आपसी विश्वास और संवेदनशीलता के आधार पर हम अपने संबंधों को दोबारा बना सकते हैं.