International Dance Day 2025: अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस (International Dance Day) का मकसद लोगों को तरह-तरह के डांस का महत्व और इसके फायदे के बारे में बताना है. डांस ना सिर्फ मनोरंज का एक साधन है बल्कि यह शरीर के लिए भी फायदेमंद है. हर साल 29 अप्रैल का दिन दुनियाभर में ‘अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस’ के रूप में मनाया जाता है. यह दिन डांस के जादूगर कहे जाने वाला जॉर्जेस नोवेरे को समर्पित है.
इस दिन को मनाने की पहल इंटरनेशनल डांस काउंसिल और इंटरनेशनल थिएटर इंस्टिट्यूट के द्वारा की गई थी. नृत्य (Dance) ऐसी कला है जो व्यक्ति को अपने अंतर्मन में झांकने का मौका देती है. यह सेल्फ डिस्कवरी और सेल्फ डिसिप्लिन में भी मददगार है. इसे भावनाओं की अभिव्यक्ति की कला भी कहा जाता है. हर साल नृत्य की विविधता को महत्व देने के लिए और इस कला के सम्मान में अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस मनाया जाता है.
क्या है इसका इतिहास
अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस मनाने की शुरुआत 1982 में अंतरराष्ट्रीय रंगमंच संस्थान (ITI) की अंतरराष्ट्रीय नृत्य समिति की ओर से की गई थी. आईटीआई एक गैर-सरकारी संगठन है, जो संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) का हिस्सा है. अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस, नृत्य के जादूगर जीन जॉर्जेस नोवेरे को समर्पित है. बता दें कि जॉर्जेस नोवेरे एक मशहूर बैले मास्टर थे, जिन्हें फादर ऑफ बैले के नाम से भी जाना जाता है. 29 अप्रैल 1727 को ही जॉर्जेस नोवरे का जन्म हुआ था. साल 1982 में आईटीआई की नृत्य समिति ने जॉर्जेस नोवरे के जन्मदिन 29 अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस मना कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की थी. जिसके बाद से हर साल 29 अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस मनाया जाने लगा. उन्होंने नृत्य पर ‘लेटर्स ऑन द डांस’ नाम की एक किताब भी लिखी थी, जिसमें नृत्य से जुड़ी एक-एक चीज़ मौजूद हैं. कहते हैं इसे पढ़कर कोई भी नृत्य करना सीख सकता है.
क्या है इसका महत्व
अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस का मकसद ना केवल दुनिया के सभी डांसर्स का प्रोत्साहन बढ़ाना है, बल्कि लोगों को डांस से होने वाले फायदों के बारे में भी बताना है. इस दिन अलग-अलग डांस के कार्यक्रमों और प्रतियोंगिताओं का आयोजन किया जाता है. कथक, भरतनाट्यम, हिप हॉप, बैले, साल्सा, लावणी जैसे कई डांस फॉर्म हैं, जो दुनियाभर में लोकप्रिय हैं