लखनऊ। उत्तर प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री बेबी रानी मौर्य ने समाजवादी पार्टी द्वारा बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान करने पर अखिलेश यादव को आड़े हाथ लिया है। यह विवाद सपा के एक होर्डिंग में बाबा साहब की आधी तस्वीर काटकर उस स्थान पर अखिलेश यादव की तस्वीर लगाए जाने के बाद शुरू हुआ है। मौर्य ने इस कृत्य को ‘बेहद शर्मनाक’ और बाबा साहब व उनके अनुयायियों का अपमान करार दिया है। मौर्य ने कहा कि अंबेडकर का अपमान करना सपा के डीएनए में है। ये गलती नहीं है। उन्होंने पूर्व सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के उस विवादित बयान का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने बलात्कार की घटना को ‘बच्चों द्वारा की गई गलती’ बताया था और कहा था कि ‘लड़के हैं, लड़कों से गलतियां हो जाती हैं।’ उन्होंने हालिया विवाद को लेकर कहा कि अखिलेश यादव बार-बार सोची-समझी साजिश के तहत बाबा साहब का अपमान कर रहे हैं। अब ये जानबूझकर इसे गलती बताकर बचने का बहाना ढूंढ रहे हैं। सच्चाई यह है कि सपा की मानसिकता ही दूषित है, देश की जनता इन्हे कभी स्वीकार नहीं करेगी।
दलित विरोधी रहा है सपा का इतिहास : मौर्य
बेबी रानी मौर्य ने अखिलेश यादव के शासनकाल की कई घटनाओं का जिक्र करते हुए सपा पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सपा सरकार ने बाबा साहब के नाम पर बने मेडिकल कॉलेज का नाम बदल दिया, उनकी पत्नी रमाबाई अंबेडकर के नाम से बने कानपुर देहात जिले से उनका नाम हटाया और भगवान बुद्ध की प्रतिमा स्वीकार करने से इनकार किया। इसके अलावा महामाया के नाम पर बने जिले का नाम भी बदला गया। मौर्य ने यह भी दावा किया कि अखिलेश सरकार ने अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग की योजनाओं को समाप्त कर दिया था। उन्होंने कहा कि सपा ने दलित कार्मिकों के प्रमोशन में आरक्षण पर रोक लगाई, जिससे लाखों दलित अधिकारियों और कर्मचारियों को डिमोशन का दंश झेलना पड़ा। अनुसूचित जाति के बच्चों की छात्रवृत्ति भी रोक दी गई थी, जिसे योगी सरकार ने दोबारा शुरू किया।
बाबा साहब का अपमान बर्दाश्त नहीं
मौर्य ने सपा की मानसिकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि बाबा साहब के बराबर खुद को प्रदर्शित करना उनकी घृणा को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव बाबा साहब के पैरों की धूल भी नहीं हैं। सपा सरकार में अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग के लोगों पर अत्याचार हुए, जो आज भी जनता के जेहन में हैं। बाबा साहब का अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव दलितों को अपमानित करने का कोई मौका नहीं छोड़ते। यह उनकी सोची-समझी साजिश है, जिसे दलित समाज और देश की जनता समझ चुकी है।