मिथुन चक्रवर्ती को मुंबई नगर निगम का नोटिस

The President of India, Smt Droupadi Murmu confers the prestigious Dada Saheb Phalke Award to eminent film personality, Shri Mithun Chakraborty at the 70th National Film Awards ceremony at Vigyan Bhavan, in New Delhi on October 08, 2024. The Union Minister of Railways, Information and Broadcasting and Electronics and Information Technology, Shri Ashwini Vaishnaw and the Minister of State for Information and Broadcasting and Parliamentary Affairs, Dr. L. Murugan are also present.

दिग्गज अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं, लेकिन इस बार वजह कोई फिल्म या बयान नहीं, बल्कि अवैध निर्माण को लेकर उनका नाम सामने आया है। दरअसल, मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने मिथुन को एक ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया है। यह नोटिस मलाड के एरंगल गांव में स्थित एक प्लॉट पर अनधिकृत निर्माण कार्य के मामले में भेजा गया है। बीएमसी ने उनसे इस निर्माण कार्य को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है और जवाब देने को कहा है कि आखिर यह निर्माण कैसे और किस अनुमति के तहत किया गया।

बीएमसी के कुछ अधिकारी मलाड के एरंगल गांव स्थित प्लॉट पर कथित अवैध निर्माण की जांच करने पहुंचे थे। निरीक्षण के दौरान नियमों का उल्लंघन पाया गया, जिसके बाद अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को नोटिस जारी किया गया। बीएमसी ने 7 दिनों के भीतर स्पष्टीकरण देने को कहा। अगर मिथुन उचित कारण बताने में असमर्थ रहते हैं, तो बिना अनुमति के किए गए निर्माण को गिरा दिया जाएगा और इसके साथ ही कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।

इस नोटिस पर प्रतिक्रिया देते हुए मिथुन चक्रवर्ती ने कहा, “हमने ऐसा कोई अवैध निर्माण नहीं कराया है। कई लोगों को नोटिस भेजे गए हैं और हम भी अपना जवाब भेज रहे हैं।” वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता नदीम शेख ने सवाल उठाया है कि जब हाल ही में 24 अवैध ढांचे तोड़े गए, तो उस समय मिथुन चक्रवर्ती के निर्माण पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई? गौरतलब है कि साल 2011 में भी बीएमसी ने मिथुन को इसी तरह का नोटिस जारी किया था, जिसे लेकर उस समय भी विवाद हुआ था।

बीएमसी का कहना है कि मुंबई के मलाड स्थित एरंगल गांव में बिना अनुमति के निर्माण किया गया है। आरोप है कि वहां ग्राउंड-प्लस-मेजनाइन फ्लोर वाले दो स्ट्रक्चर, एक ग्राउंड फ्लोर का ढांचा, और तीन अस्थायी 10×10 यूनिट्स तैयार की गई हैं। इन निर्माणों में ईंट, लकड़ी की पट्टियां, कांच की दीवारें और एसी शीट्स की छतें लगाई गई हैं, जो निर्माण नियमों का उल्लंघन मानी जा रही हैं। बीएमसी ने स्पष्ट किया है कि मई के अंत तक एरंगल और आसपास के क्षेत्रों में कुल 101 अवैध ढांचों को गिराया जाएगा।

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