प्लेज पार्क स्कीम में डेवलपर्स को मिलेंगी नई सहूलियतें, तैयारी में जुटी योगी सरकार

लखनऊ। उद्यम प्रदेश के तौर पर देश के ‘सुपर हब’ के रूप में परिवर्तित हो रहा उत्तर प्रदेश एक नई पहचान गढ़ रहा है। चाहें बात बड़े मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स व हब की हो, या फिर छोटे उद्योगों की, उत्तर प्रदेश अग्रणी भूमिका का निर्वहन कर रहा है। इसी कड़ी में प्रदेश में प्लेज पार्क स्कीम को बढ़ावा देने के लिए कार्ययोजना पर काम हो रहा है जिसके जरिए डेवलपर्स को नई सहूलियतें मिलने का मार्ग प्रशस्त होगा। इस कार्य को पूरा करने के लिए प्रस्तावित संशोधनों को लेकर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग (एमएसएमई) द्वारा एक खाका तैयार किया गया है, जिसे स्वीकृति मिलने पर स्कीम में नए प्रावधानों को शामिल किया जाएगा। इसमें कई प्रकार के सुझावों को विभाग द्वारा शामिल किया गया है जिसमें भू-उपयोग परिवर्तन व विकास शुल्क में छूट समेत कई प्रावधान शामिल हैं।

निजी औद्योगिक पार्कों की स्थापना व विकास को मिलेगा बल

सीएम योगी के कुशल नेतृत्व में प्रदेश में ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ की स्थिति में व्यापक सुधार हुआ है। प्रदेश में उद्योगों की स्थापना के लिए डेडिकेटेड स्कीम्स व पॉलिसी पर योगी सरकार समय-समय पर कार्य करती है। वहीं, इन्हें बढ़ावा देने के लिए जरूरी संशोधन भी योगी सरकार की प्राथमिकताओं में शुमार हैं। उल्लेखनीय है कि प्लेज पार्क योजना पूरा नाम ‘प्रमोटिंग लीडरशिप एंड एंटरप्राइज फॉर डेवलपमेंट ऑफ ग्रोथ इंजन’ है।

इस सरकारी स्कीम के तहत निजी औद्योगिक पार्कों की स्थापना के लिए निजी निवेशक 10 से 50 एकड़ जमीन का उपयोग करके एक औद्योगिक पार्क बना सकते हैं, और सरकार द्वारा उन्हें ऋण और अन्य सहायता प्रदान की जाती है। इसमें भूमि क्रय पर स्टाम्प शुल्क में छूट, किफायती ब्याज दरों पर ऋण व सब्सिडी के प्रावधान हैं। इसी कड़ी में प्लेज पार्क स्कीम को लेकर भी कुछ संशोधन आने वाले दिनों में योगी सरकार द्वारा लाया जा सकता है जिससे निजी औद्योगिक पार्कों की स्थापना व विकास को बल मिलेगा।

अधिकतम 10 प्रतिशत व्यवसायिक व वाणिज्यकीय गतिविधियां होंगी अनुमन्य

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा तैयार किए गए खाके के अनुसार प्लेज पार्क के अंतर्गत अधिकतम 10 प्रतिशत व्यवसायिक व वाणिज्यकीय गतिविधियों को अनुमन्य करने का प्रावधान शामिल किया जाएगा। प्लेज पार्क नीति में नवीनतम संभावित संशोधन में भू-उपयोग परिवर्तन तथा विकास शुल्क में छूट के प्रावधान को भी शामिल किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, ले-आउट व भवन मानचित्र की मंजूरी के लिए निदेशक व आयुक्त (उद्योग) को अधिकृत किया जा सकता है।

वहीं, प्लेज पार्क के लिए स्टाम्प ड्यूटी में एकरूपता लाने पर विशेष तौर पर फोकस किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, भूमि क्रय में स्टाम्प ड्यूटी में छूट के लिए वर्तमान में केवल जिलाधिकारी अधिकृत हैं तथा नए संशोधन में उपायुक्त उद्योग को भी अधिकृत किया जा सकता है। वहीं, प्लेज पार्क में उत्तम कनेक्टिविटी के लिए सड़कों के संजाल को विकिसत करने पर फोकस किया जाएगा, जबकि बाहरी संपर्क मार्ग की चौड़ाई को 12 मीटर से घटाकर 7 मीटर तक करने की रियायत भी डेवलपर्स को मिल सकेगी।

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