लिस्बन : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि भारत आतंकवाद के विरुद्ध “ज़ीरो टॉलरेंस” की नीति अपनाता है और सभी देशों को मिलकर इस वैश्विक खतरे के खिलाफ साझा रणनीति बनानी चाहिए। उन्होंने इसे वैश्विक शांति और मानवाधिकारों के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया।
उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले का उल्लेख करते हुए कहा कि यह भारत की प्रगति और सामाजिक सौहार्द को बाधित करने का प्रयास था, जिसे भारतीय सुरक्षा बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत विफल किया।
बिरला ने ये विचार पुर्तगाल गणराज्य की असेंबली के प्रेसिडेंट जोस पेड्रो अगुइर-ब्रैंको के साथ द्विपक्षीय बैठक में रखे। वे 11वें ब्रिक्स संसदीय मंच में भाग लेने वाले भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत और पुर्तगाल के संबंध 500 वर्षों से अधिक पुराने हैं और हाल के वर्षों में यह संबंध और भी मजबूत हुए हैं। द्विपक्षीय व्यापार में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और ऊर्जा, रक्षा तथा डिजिटल प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में सहयोग की अपार संभावनाएं हैं।
बिरला ने बताया कि भारत की संसद तकनीक-आधारित पारदर्शी प्रणाली की ओर अग्रसर है। ‘डिजिटल संसद’ और ‘एआई’ के माध्यम से कार्यवाही को 22 संवैधानिक भाषाओं में उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे जनभागीदारी बढ़ी है।
अपने लिस्बन दौरे में उन्होंने तुवालु के मंत्री मैना तालिया से भी मुलाकात की और भारत-तुवालु सहयोग पर चर्चा की।