कोच मनोलो मार्केज़ के भविष्य पर 29 जून को होगा फैसला: कल्याण चौबे

नई दिल्ली : अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के अध्यक्ष कल्याण चौबे ने शुक्रवार को कहा है कि भारत की पुरुष फुटबॉल टीम के कोच मनोलो मार्केज़ के भविष्य पर निर्णय 29 जून को होने वाली कार्यकारिणी समिति की बैठक में लिया जाएगा।

उन्होंने कहा, “मनोलो मार्केज़ एक अनुभवी और भारतीय फुटबॉल को समझने वाले कोच हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से मुझे कई कॉल्स आ रही हैं कि क्या वह कोच बने रहेंगे या नहीं। इस पर अंतिम निर्णय कार्यकारिणी की बैठक में लिया जाएगा। हालांकि, यह सोचना अवास्तविक है कि बिना गोल किए हम जीत सकते हैं।”

मार्केज़ ने इगोर स्टिमाक की जगह भारतीय टीम के कोच का पद संभाला था, लेकिन अब तक वह एक भी प्रतिस्पर्धात्मक मैच जीतने में नाकाम रहे हैं।

एएफसी एशियन कप क्वालिफायर में भारत को हॉन्गकॉन्ग के खिलाफ 0-1 से हार और बांग्लादेश से गोलरहित ड्रॉ ने आलोचनाओं को जन्म दिया है और कोच को हटाने की मांग तेज हो गई है।

ओसीआई खिलाड़ियों को भारतीय टीम में शामिल करने की कवायद

कल्याण चौबे ने बताया कि एआईएफएफ उन भारतीय मूल के विदेशी खिलाड़ियों यानी ओसीआई (ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया) को टीम में शामिल करने के लिए कई सरकारी विभागों के संपर्क में है।

उन्होंने कहा, “हमने इस विषय पर सरकार के कई मंत्रालयों से संवाद शुरू किया है और शुरुआती प्रतिक्रिया उत्साहजनक रही है। हम 33 ऐसे खिलाड़ियों से संपर्क में हैं जिनमें से कुछ के पास ओसीआई कार्ड है और कुछ आवेदन की प्रक्रिया में हैं। हम उन्हें इस प्रक्रिया में सहायता भी दे रहे हैं।”

आईएसएल में भारतीय स्ट्राइकरों की कमी चिंता का विषय

भारतीय सुपर लीग (आईएसएल) में भारतीय स्ट्राइकरों की भागीदारी कम होने को लेकर भी सवाल उठे।

कल्याण चौबे ने कहा, “विदेशी खिलाड़ियों की संख्या में कटौती पर एआईएफएफ अकेले निर्णय नहीं ले सकता। सभी हितधारकों को मिलकर निर्णय लेना होगा।”

एआईएफएफ द्वारा की गई एक प्रस्तुति के अनुसार, भारत के तीन हालिया कोचों — स्टीफन कॉन्स्टैन्टाइन, इगोर स्टिमाक, और मनोलो मार्केज़ — के कार्यकाल में टीम के प्रदर्शन की तुलना की गई:

कॉन्स्टैन्टाइन: प्रति मैच गोल – 1.64 | जीत प्रतिशत – 57%

स्टिमाक: प्रति मैच गोल – 1.01 | जीत प्रतिशत – 35%

मार्केज़: प्रति मैच गोल – 0.75 | जीत प्रतिशत – 13%

इसके अलावा यह भी बताया गया कि भारतीय स्ट्राइकरों को उनके क्लबों में नियमित रूप से सेंटर फॉरवर्ड की भूमिका नहीं मिलती, जिससे राष्ट्रीय टीम में उन्हें नए पोजीशन में खेलने में मुश्किल होती है।

चौबे ने कहा, “हमने पिछले 10 सालों में अच्छे स्ट्राइकर तैयार नहीं किए हैं। सुनील छेत्री का समर्पण और फिटनेस काबिले-तारीफ है, लेकिन अब नए फॉरवर्ड्स की जरूरत है।”

2031 एएफसी एशियन कप की मेजबानी पर भारत की नजर

कल्याण चौबे ने बताया कि भारत ने 2031 एएफसी एशियन कप की मेजबानी के लिए ‘इच्छा पत्र’ जमा कर दिया है। इसके अलावा भारत भविष्य में एएफसी बीच सॉकर और फूटसाल टूर्नामेंट की मेजबानी की योजना भी बना रहा है।

उन्होंने कहा, “हम नीचे से ऊपर की ओर काम करने की रणनीति पर चल रहे हैं। 2031 एशियन कप की मेजबानी के साथ हम भविष्य में किसी फीफा टूर्नामेंट की मेजबानी के बारे में भी सोच सकते हैं।”

उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि कानूनी मामलों और अदालती कार्यवाहियों में एआईएफएफ का काफी समय और पैसा खर्च हो रहा है, जिसे फुटबॉल के विकास में लगाया जाना चाहिए।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com