वैश्विक स्वास्थ्य और शांति का योग

राजेन्द्र सिंह

योग की उत्पत्ति हजारों साल पहले प्राचीन भारत में हुई थी। इसका उल्लेख वेदों, उपनिषदों और भगवद गीता जैसे ग्रंथों में मिलता है। “योग” शब्द का अर्थ है “एकता” या “मिलन”, जो आत्मा और परमात्मा के बीच संबंध को दर्शाता है। महर्षि पतंजलि ने योग को व्यवस्थित रूप दिया, जिसे “योग सूत्र” के नाम से जाना जाता है। योग के आठ अंग – यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि – जीवन को संतुलित और सार्थक बनाने का मार्ग दिखाते हैं।योग का महत्व केवल शारीरिक स्वास्थ्य तक सीमित नहीं है। यह मानसिक शांति, भावनात्मक स्थिरता और आध्यात्मिक उन्नति का भी साधन है।
आधुनिक जीवन की भागदौड़ में, योग हमें अपने भीतर संतुलन और शांति खोजने में मदद करता है। योग पूरी दुनिया को तोड़ने नहीं बल्कि जोड़ने का माध्यम है। आज जब पूरी दुनिया युद्ध के मुहाने पर खड़ी है। उस समय योग के माध्यम से शांति का जाप करने की बेहद आवश्यकता है। पूरी दुनिया तक योग के संयोग से जोड़ने की मुहिम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2014 में की थी और संयुक्त राष्ट संघ ने उनके प्रयासों के स्वरूप 21 जून 2015 को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की मान्यता दी। 21 जून को ग्रीष्म संक्रांति के रूप में चुना गया, जो उत्तरी गोलार्ध में सबसे लंबा दिन है और नई शुरुआत का प्रतीक है। पहला योग दिवस नई दिल्ली में मनाया गया, जिसमें 35,985 लोगों ने भाग लिया और 84 देशों की भागीदारी के साथ दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बने। तब से यह एक वैश्विक उत्सव बन गया है। 2025 में 11 वां योग दिवस “योग फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ” थीम के साथ मनाया जाएगा l 15 जून से इस उत्सव की शुरुआत हो गई है जो एक सप्ताह तक चलेगा और 21 जून को अंर्तराष्ट्रीय योग दिवस के रूप मनाया जाएगा l

स्वास्थ्य के लिए योग बेहद लाभकारी है। योग के अनेक लाभ हैं, जो इसे एक समग्र स्वास्थ्य प्रणाली बनाते हैं। नियमित योग करने से शारीरिक लचीलापन और शक्ति: सूर्य नमस्कार, वृक्षासन और त्रिकोणासन जैसे आसन मांसपेशियों को मजबूत और लचीला बनाते हैं। प्राणायाम और ध्यान से रक्तचाप नियंत्रित होता है और हृदय रोगों का जोखिम कम होता है। योगासन पाचन को बेहतर करते हैं और श्वसन प्रणाली को मजबूत करते हैं। योग से तनाव हार्मोन कोर्टिसोल का स्तर कम होता है। ध्यान से मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढ़ती है।आत्म-जागरूकता बढ़ने से भावनात्मक स्थिरता आती है।योग व्यक्ति को अपने आंतरिक स्व को समझने में मदद करता है।समाधि की अवस्था में परम शांति की अनुभूति होती है।


पिछले कुछ वर्षों में योग ने विश्व स्तर पर लोकप्रियता हासिल की है। आज 300 मिलियन से अधिक लोग योग का अभ्यास करते हैं। अमेरिका में 34.4 मिलियन लोग (10% आबादी) योग करते हैं, और योग उद्योग का मूल्य 88 अरब डॉलर से अधिक है। चीन में योग स्टूडियो की संख्या 2017 से 2021 तक तिगुनी हुई है। यूके में योग बाजार में ऑनलाइन कक्षाएं और योग पर्यटन शामिल हैं। दक्षिण कोरिया में 43% महिलाएं योग करती हैं, जो इसकी बढ़ती स्वीकार्यता को दर्शाता है। योग को दैनिक जीवन में शामिल करना योग को रोजमर्रा में अपनाना आसान है और इसके लिए विशेष उपकरणों की जरूरत नहीं है। सुबह की शुरुआत: 10-15 मिनट का सूर्य नमस्कार शरीर और मन को तरोताजा करता है। अनुलोम-विलोम या भ्रामरी से तनाव कम होता है।दिन के अंत में 5-10 मिनट का ध्यान नींद को बेहतर करता है। सप्ताह में एक बार गहरे विश्राम के लिए योग निद्रा करना बेहद लाभकारी है।योग को घर, पार्क या कार्यालय में कहीं भी किया जा सकता है। शुरुआती लोगों को योग शिक्षक की सलाह लेनी चाहिए। योग के तमाम प्रकार हैं, जो अलग-अलग जरूरतों को पूरा करते हैं।2025 योग दिवस का संदेश “योग फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ” हमें व्यक्तिगत और ग्रह स्वास्थ्य के बीच संतुलन की याद दिलाता है। योग हमें स्वस्थ और शांतिपूर्ण जीवन जीने में मदद करता है। इस योग दिवस पर, आइए संकल्प लें कि हम इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाएंगे और इसके लाभों को दूसरों तक पहुंचाएंगे। योग के जरिए हम एक बेहतर समाज की नींव रख सकते हैं। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हर साल 21 जून को मनाया जाता है, योग के प्राचीन विज्ञान को समर्पित है, जिसने न केवल भारत बल्कि संपूर्ण विश्व में लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। योग एक प्राचीन भारतीय परंपरा है जिसके माध्यम से शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का एक समग्र तरीका प्रदान करता है। । इस योग दिवस पर, आइए संकल्प लें कि हम इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाएंगे और इसके लाभों को दूसरों तक पहुंचाएंगे। योग के जरिए हम एक बेहतर समाज की नींव रख सकते हैं।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और कई समाचार पत्रों के संपादक रहे हैं)

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