काठमांडू : नेपाल शिक्षक महासंघ ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार लंबे समय से लंबित स्कूल शिक्षा विधेयक को पारित करने में विफल रहती है तो वह नए सिरे से विरोध प्रदर्शन शुरू करेगा।
सोमवार को जारी एक बयान में महासंघ के अध्यक्ष लक्ष्मी किशोर सुवेदी और महासचिव तुल बहादुर थापा मगर ने जोर देकर कहा कि सरकार के साथ 30 अप्रैल के समझौते का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह एक “प्रगतिशील” विधेयक पेश करे और उसे पारित करे जिसमें शिक्षकों और हितधारकों के साथ पिछले समझौते शामिल हों। महासंघ ने चेतावनी दी है कि देरी या साजिश के लिए कोई जगह नहीं है। यदि प्रक्रिया फिर से बाधित होती है, तो हम अपना आंदोलन फिर से शुरू करने के लिए मजबूर होंगे। महासंघ ने सरकार से जिम्मेदारी से कार्रवाई करने और अशांति और जनता के असंतोष को भड़काने से बचने का आह्वान किया।
इस साल की शुरुआत में शिक्षकों ने काठमांडू में 29 दिनों का विरोध प्रदर्शन किया था, जिसे 29 जून तक विधेयक पारित करने के समझौते के बाद रोक दिया गया था। इस दौरान देशभर के सरकारी तथा निजी विद्यालय पूर्णतः बंद रहे। महासंघ ने कहा कि शिक्षक समुदाय का विश्वास कम हो रहा है और सरकार की बार-बार होने वाली देरी से निराशा बढ़ रही है।