काठमांडू : पूर्व राष्ट्रपति विद्या भंडारी ने सक्रिय राजनीति में वापसी की औपचारिक घोषणा के दो दिन बाद ही सभी सरकारी सुविधाओं को वापस कर दिया है। गृह मंत्रालय को भेजे गए पत्र में भंडारी ने नैतिकता के आधार पर स्वेच्छा से यह निर्णय लिए जाने की जानकारी दी है। गृह मंत्रालय ने पीएसओ को फिलहाल भंडारी की सुरक्षा में ही रहने को कहा है, क्योंकि इस बारे में गृह मंत्रालय की सुरक्षा समिति की बैठक में निर्णय लिया जाएगा।
पूर्व राष्ट्रपति की हैसियत से उन्हें नेपाली सेना की उच्चतम सुरक्षा हासिल थी, जिसमें अत्याधुनिक हथियारों से लैस नेपाली सेना के 32 कमांडो उनके और उनकी परिवार की सुरक्षा में तैनात किए गए थे। इसके अलावा नेपाल पुलिस और सेना के डीएसपी रैंक के एक-एक अधिकारी उनकी निजी सुरक्षा अधिकारी थे। पूर्व राष्ट्रपति भंडारी ने सरकारी मकान, गाड़ी, ईंधन, निजी सचिव के तौर पर कार्यरत एक उपसचिव स्तर के अधिकारी, दैनिक भत्ता, यात्रा भत्ता आदि वापस करते हुए 1 जुलाई से इन सभी सुविधाओं को नहीं लेने की जानकारी दी है। इसके अलावा वार्षिक रूप से दिए जाने वाले विद्युत, पानी का खर्चा भी नहीं देने का आग्रह किया है।
गृह मंत्रालय को भेजे पत्र में भंडारी ने श्रावण महीने से उनके मासिक वेतन और भत्ता रोकने का भी आग्रह किया है। भंडारी ने कहा है कि चूंकि वो एक दल विशेष के साथ जुड़ कर फिर से देश की राजनीति में सक्रिय होने की घोषणा कर चुकी हैं, इसलिए अब उनके लिए पूर्व राष्ट्रपति की हैसियत से मिलने वाली सरकारी सुविधाओं का उपभोग करना उचित नहीं होगा।
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