सावन में कैलाश छोड़कर कहां जाते हैं महादेव

 हिंदू कैलेंडर के अनुसार सावन पांचवां महीना होता है. हिंदू धर्म में इस महीने को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है. इस साल सावन महीने की शुरुआत 11 जुलाई से हो रही है. सावन में शिव भक्त रोजाना महादेव की पूजा-अर्चना करते हैं. इस दौरान शिव मंदिरों में भक्तों का सैलाब देखने को मिलता है. सावन में भक्त सोमवार के व्रत रखते हैं और पूजा पाठ करते है.

यहां निवास करते हैं भोलेनाथ

वहीं सावन के महीने में भगवान शिव कैलाश छोड़कर सरपरिवार पृथ्वी पर निवास करते हैं. पृथ्वी पर रहते हुए शिवजी अपने भक्तों पर विशेष कृपा भी बरसाते हैं. आइये जानते हैं कैलाश से भूलोक पर आकर शिवजी कहां रहते हैं? कथा के अनुसार, सावन महीने में भगवान शिव पूरे परिवार के साथ आकर हरिद्वार के कनखल में निवास करते हैं, जो शिवजी का ससुराल भी है. वहीं शिव पुराण के अनुसार, देवी सती के पिता दक्ष प्रजापति ने हरिद्वार के के कनखल में एक यज्ञ का आयोजन किया था, जिसमें उन्होंने शिव जी को आमंत्रित नहीं किया.

सति ने दी थी प्राणों की आहुति

वहीं सति बिना बुलाए ही अपने पिता के घर जाने की जिद्द करने लगी. जब सती पिता के घर पहुंची तो पिता दक्ष प्रजापति ने सभी देवताओं के सामने शिव जी का बहुत अपमान किया. जिसे सति सहन ना कर सकी और यज्ञ की अग्नि में ही अपने प्राणों की आहुति दे दी. इस बात से क्रोधित होकर शिव ने वीरभद्र रूप धारण कर लिया और दक्ष का सिर धड़ से अलग कर दिया.

इस वजह से आते हैं सावन में

लेकिन देवताओं के प्रार्थना पर शिव ने दक्ष को बकरे का सिर लगाकर पुनः जीवित कर दिया. इसके बाद दक्ष ने शिवजी से माफी मांगी और भोलेनाथ से वचन लिया कि वे हर साल सावन में उनके यहां निवास करेंने और सेवा-सत्कार का मौका देंगे. इसके बाद से ही ऐसी मान्यता है कि हरिद्वार के कनखल में शिवजी दक्षेश्वर रूप में विराजमान होते हैं और संपूर्ण ब्रह्मांड का संचालन भी करते हैं.

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com