लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार अब निवेश प्रबंधन को कॉर्पोरेट-स्टाइल अकाउंट मैनेजमेंट मॉडल में तब्दील कर रही है। निवेश लीड्स को केवल आंकड़ों तक सीमित रखने की जगह अब उन्हें ठोस निवेश में बदलने के लिए एक समर्पित सिस्टम खड़ा किया गया है। इसका फोकस निवेशकों के साथ वन-ऑन-वन कनेक्टिविटी, त्वरित सुविधा और मॉनिटरिंग-फर्स्ट अप्रोच पर आधारित है। इसके माध्यम से प्रत्येक निवेश लीड पर विशेष निगरानी रखी जा रही है।
हर निवेशक को समर्पित मैनेजर, हर लीड की व्यक्तिगत निगरानी
सीएम योगी की स्पष्ट नीति है कि इन्वेस्टमेंट केवल घोषणाओं तक सीमित न रहे, बल्कि जमीन पर बदलाव भी दिखे। इसी के तहत प्रदेश में निवेश की नोडल एजेंसी इन्वेस्ट यूपी ने नई रणनीति बनाई है। अकाउंट मैनेजमेंट अप्रोच के तहत प्रत्येक निवेश लीड की विशेष निगरानी की जा रही है। इसके अंतर्गत इन्वेस्ट इंडिया से प्राप्त लीड्स की सुविधा और क्रियान्वयन के लिए एक विशेष टीम का गठन किया है, जबकि प्रत्येक निवेश लीड के लिए एक रिलेशनशिप मैनेजर नियुक्त किया गया है, जो लीड की आवश्यकताओं, चुनौतियों और प्रगति की नियमित निगरानी करता है। 100 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्तावों पर इन्वेस्ट यूपी के सीईओ/एसीईओ स्वयं निगरानी कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त संबंधित अधिकारियों, परामर्शियों एवं उद्यम मित्रों को भी तैनात किया गया है। वहीं 100 करोड़ से कम के निवेश प्रस्तावों की निगरानी जिलास्तर पर जीएमडीआईसी और उद्यमी मित्र कर रहे हैं।
फॉर्च्यून इंडिया 1000 और चीन+1 पर विशेष फोकस
निवेश लीड्स के नए स्रोतों के निर्माण के लिए सरकार मल्टी लेयर रणनीति पर काम कर रही है। फॉर्च्यून इंडिया 1000, फॉर्च्यून 500 इंडिया और नेक्स्ट 500 की सूची में शामिल 814 कंपनियों को व्यक्तिगत अकाउंट मैनेजरों को सौंपा गया है। इसके अतिरिक्त चीन+1 रणनीति के तहत यूएसए (31), जर्मनी (17), जापान (21), चीन (14), फ्रांस, स्विट्जरलैंड, डेनमार्क, यूके और स्पेन जैसी देशों की कंपनियों से संपर्क साधा गया है। यूपी सरकार इन देशों में स्थित भारतीय दूतावासों के माध्यम से प्रत्यक्ष निवेश संवाद भी स्थापित कर रही है।
भारत सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम के तहत स्वीकृत 574 परियोजनाओं में से 70 प्रोजेक्ट्स उत्तर प्रदेश में सक्रिय हैं, जिनका क्रियान्वयन तेजी से किया जा रहा है। इससे प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल, टेक्सटाइल, फूड प्रोसेसिंग जैसे क्षेत्रों में उत्पादन और रोजगार को नई गति मिल रही है। विनिर्माण क्षेत्र में सरकार ने प्रति माह 10 लेटर ऑफ कम्फर्ट (एलओसी) जारी करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिससे निवेशकों को राज्य की प्रतिबद्धता और नीतिगत स्पष्टता का विश्वास मिल सके।