इजराइल की गाजा में पूर्ण सैन्य नियंत्रण की योजना पर विचार, सैन्य और जनमत से टकराव

तेल अवीव : इजराइल सरकार गाजा पट्टी के उस 25 प्रतिशत क्षेत्र में भी सेना तैनात करने पर विचार कर रही है, जो अभी उसके नियंत्रण में नहीं है। हालांकि इस संभावित कदम को लेकर सैन्य नेतृत्व और देश की अधिकांश जनता में चिंता जताई जा रही है कि इससे हमास के कब्जे में बचे बंधकों की रिहाई की संभावनाएं कमजोर हो सकती हैं।

एक वरिष्ठ इजराइली अधिकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू इस निर्णय को अंतिम रूप देने से पहले अपनी सुरक्षा कैबिनेट की बैठक इसी सप्ताह बुला सकते हैं। मंगलवार को नेतन्याहू ने तीन घंटे लंबी सुरक्षा बैठक की, जिसमें आईडीएफ (इजराइल डिफेंस फोर्सेस) के चीफ ऑफ स्टाफ एयाल जामिर ने सैन्य विकल्पों की प्रस्तुति दी।

आईडीएफ ने साफ किया है कि सुरक्षा कैबिनेट द्वारा लिए गए किसी भी निर्णय को लागू करने के लिए वह तैयार है।

अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दबाव

गाजा में जारी लगभग दो वर्ष लंबे युद्ध को लेकर इजराइल पर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दबाव लगातार बढ़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि खाद्य आपूर्ति पर इजराइली प्रतिबंध और युद्ध से हुई तबाही के कारण गज़ा में भुखमरी का खतरा बढ़ रहा है। जुलाई के अंत में इजराइल ने संयुक्त राष्ट्र और एनजीओ के माध्यम से मानवीय सहायता के वितरण को आसान बनाने का वादा किया था। मंगलवार को सरकार ने खाद्य और स्वच्छता सामग्री की वाणिज्यिक पहुंच में कुछ और ढील देने की घोषणा की, लेकिन यह कड़ी सुरक्षा जांच के अधीन रहेगी।

प्रदेशों में सरकारी गतिविधियों के समन्वयक (सीओजीएटी) ने बताया कि अब स्थानीय व्यापारी सीमित मात्रा में खाद्य सामग्री गाजा में ला सकते हैं और उसे बाजार में बेच सकते हैं। जुलाई के मध्य में जहां प्रतिदिन औसतन 30 ट्रक सहायता सामग्री लेकर आते थे, वहीं यह संख्या अब 185 ट्रकों तक पहुंच गई है।

घरेलू राजनीति में मतभेद

सैन्य नेतृत्व इस नए सैन्य कदम को लेकर संशय में है। रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने कहा है कि सेना को सरकार की राजनीतिक नीतियों को लागू करना चाहिए और वह यह सुनिश्चित करेंगे कि ऐसा हो।

वहीं, नेशनल सिक्योरिटी मंत्री इतामार बेन गविर, जो नेतन्याहू की गठबंधन सरकार के कट्टरपंथी सदस्य हैं, ने आईडीएफ चीफ एयाल जामिर की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें स्पष्ट रूप से सरकार के आदेशों का पालन करने की प्रतिबद्धता जतानी चाहिए।

विपक्ष के नेता और पूर्व आईडीएफ प्रमुख बेनी गैंट्ज ने जामिर पर हुए हमले को “गैरजिम्मेदाराना” बताया।

उल्लेखनीय है कि अक्टूबर 2023 में हमास द्वारा किए गए हमलों में अगवा किए गए लोगों में से अब भी 50 बंधक हमास के कब्जे में हैं, जिनमें से केवल 20 के जीवित होने की संभावना जताई गई है। जनता और सैन्य नेतृत्व का एक बड़ा हिस्सा मानता है कि गाजा में और गहराई तक सैन्य कार्रवाई करने से इन बंधकों की रिहाई की संभावनाएं और कम हो जाएंगी।

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