केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पेश किए तीन अहम बिल, विपक्ष ने किया विरोध

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को संसद के मानसून सत्र में तीन अहम बिल पेश किए। उनकी ओर से पेश किए गए बिल में मुख्य रूप से संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक, 2025, संघ राज्य क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 शामिल है।

केंद्रीय मंत्री ने यह बिल पेश करते हुए कहा कि भारत के संविधान का संशोधन करने वाले विधेयक को पुनर्स्थापित करने की अनुमति दी जाए। मैं प्रस्ताव करता हूं कि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम का संशोधन करने वाले विधेयक को पुनर्स्थापित करने की अनुमति दी जाए। इसके अलावा, मैं यह भी प्रस्ताव करता हूं कि संघ राज्य क्षेत्र शासन अधिनियम 1963 का संशोधन करने वाले विधेयक को पुनर्स्थापित करने की अनुमति दी जाए।

लोकसभा में इन तीनों बिलों को पेश करने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री ने इसे संयुक्त संसदीय समिति में भेजने की सिफारिश की। इस बिल को लेकर संसद में विपक्षी दलों की ओर से विरोध किया गया। यही नहीं, विपक्षी दलों ने इस बिल पर रोष प्रकट करते हुए इसकी कॉपी फाड़कर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर फेंक दी।

वहीं, कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने इस बिल का विरोध करते हुए कहा कि जब अमित शाह को गिरफ्तार किया गया था, तो क्या उन्होंने अपनी नैतिकता दिखाई थी? इस पर अमित शाह ने कहा कि जब मुझे झूठे मामले में गिरफ्तार किया गया था, तो मैंने इस्तीफा देकर अपनी नैतिकता दिखा दी थी। कोर्ट से निर्दोष साबित नहीं होने तक मैंने किसी भी संवैधानिक पद की जिम्मेदारी ग्रहण नहीं की थी।

बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से लोकसभा में पेश किए गए बिल का मुख्य उद्देश्य यह है कि अगर कोई केंद्रीय मंत्री, किसी राज्य का मुख्यमंत्री या किसी केंद्र शासित प्रदेश का मुख्यमंत्री किसी आपराधिक मामले में आरोपी पाया जाता है, तो उसे तत्काल अपने पद से इस्तीफा देना होगा। लेकिन, केंद्रीय मंत्री की ओर से पेश किए गए इस बिल का विपक्ष की ओर से विरोध किया जा रहा है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com