मध्य प्रदेश में पर्यटन को रोजगार से जोड़ा गया है : मोहन यादव

भोपाल : मध्य प्रदेश में पर्यटन विकास के साथ पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं देने की कोशिश जारी है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि राज्य में पर्यटन को रोजगार से जोड़ा जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में स्वदेशी और आत्मनिर्भर भारत अभियान चल रहा है। राज्य सरकार भी इस अभियान में हरसंभव सहयोग कर रही है।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने पर्यटन विकास को रोजगार से जोड़ा है। पर्यटन बढ़ता है, तो लोगों को रोजगार के नए-नए अवसर मिलते हैं। देश में पर्यटन क्षेत्र बहुत तेजी से विकास कर रहा है। इसमें मध्य प्रदेश भी पीछे नहीं है। पिछले वर्ष धार्मिक पर्यटन के लिए देश में सर्वाधिक पर्यटकों ने मध्य प्रदेश को ही चुना।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार सभी क्षेत्रों को समान रूप से बढ़ावा दे रही है। प्रदेश में समृद्ध वन क्षेत्र और वन्य जीव पर्यटन की अपार संभावनाएं विद्यमान हैं। कूनो में देश का पहला राष्ट्रीय चीता अभयारण्य है। साथ ही चंबल नदी के आसपास घड़ियाल अभ्यारण्य भी है। कछुओं की लुप्त प्रजातियों का भी संरक्षण मध्य प्रदेश में किया जा रहा है। माधव नेशनल टाइगर पार्क को इसी साल लोकार्पित किया गया है। पर्यटन विकास के जरिए प्रदेश का भविष्य उज्ज्वल और समृद्ध हो, सभी युवाओं को रोजगार मिले, हमारी सरकार इसी भावना से काम कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व के कई स्थान हैं। देश में कुल 66 स्थान विश्व धरोहर स्थल के रूप में चिन्हित किए गए हैं, इनमें से 27 मध्य प्रदेश में स्थित हैं। यह राज्य के लिए बेहद गौरव की बात है। कॉन्क्लेव के जरिए ग्वालियर एवं चंबल अंचल में पर्यटन विकास को एक नई गति मिलेगी।

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ग्वालियर में रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव आयोजित की गई। इससे पहले रीवा और उज्जैन में टूरिज्म को लेकर ऐसे ही कॉन्क्लेव आयोजित किए जा चुके हैं।

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