दो बच्चों के बीच सही अंतर होना काफी जरूरी होता है, क्योंकि इससे ना सिर्फ मां की सेहत को टाइम मिलता है बल्कि बच्चों को पूरा टाइम, प्यार और परवरिश मिलती है. इसके साथ-साथ माता-पिता को भी दूसरी प्रेग्नेंसी के लिए शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से तैयार होने का समय मिल सके. वहीं कुछ लोग जल्दी दूसरा बच्चा चाहते हैं तो कुछ लोग कुछ सालों का इंतजार चाहते हैं. वहीं इस बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जवाब दिया है. आइए आपको बताते हैं.
क्या है WHO की राय
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, पहले बच्चे के जन्म के बाद महिला को कम से केम 2 से 3 साल का इंतजार रखना चाहिए.
यह फर्क मां के शरीर को दोबारा स्वस्थ होने और पोषण स्तर को पूरा करने का पर्याप्त समय देता है.
इसके साथ ही अगले गर्भ में बच्चे के स्वस्थ विकास के लिए भी यह समय महत्वपूर्ण माना जाता है.
मां के लिए क्यों जरूरी है
प्रेग्नेंसी और डिलीवरी के दौरान महिला के शरीर से काफी पोषक तत्व और ऊर्जा खर्च हो जाती है.
वहीं अगर कोई महिला जल्दबाजी में दोबारा प्रेग्नेंट हो जाती है, तो उसके शरीर को रिकवरी का समय नहीं मिलता है.
इससे एनीमिया, कमजोरी, हाई ब्लड प्रेशर और गर्भपात का खतरा बढ़ सकता है.
वहीं लंबे टाइम से मां का शरीर फिर से मजबूत होता है और अगली प्रेग्नेंसी सुरक्षित रहती है.
बच्चे पर असर
WHO की गाइडलाइन के अनुसार, अगर गर्भधारण जल्दी हो जाए तो पहले बच्चे और दूसरे बच्चे दोनों की सेहत प्रभावित हो सकती है.
जल्दी दूसरा बच्चा होने से अक्सर बच्चे का वजन कम रह जाता है.
समय से पहले जन्म का खतरा बढ़ जाता है.
बच्चे के मानसिक और शारीरिक विकास पर भी असर पड़ सकता है.
मानसिक तैयारी
दूसरा बच्चा प्लान करने से पहले माता-पिता को ना केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी तैयार होना चाहिए.
पहले बच्चे की देखभाल, उसकी जरूरतें और नए जीवन की ज़िम्मेदारियां माता-पिता को कई बार थका देती हैं.
ऐसे में जब तक मां-बाप खुद मानसिक रूप से तैयार न हों, तब तक दूसरा बच्चा प्लान करना उचित नहीं है.
इन बातों का रखें ध्यान
डॉक्टर की सलाह जरूर लें और अपनी स्वास्थ्य स्थिति की जांच कराएं.
संतुलित आहार और नियमित व्यायाम से शरीर को मजबूत बनाएं.
तनाव कम करें और नींद पूरी लें.
पहले बच्चे की देखभाल के लिए पर्याप्त सपोर्ट सिस्टम तैयार रखें.