भारत और मॉरीशस के रिश्तों में नई ऊर्जा का संचार हुआ है. सोमवार को मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगूलाम वाराणसी पहुंचे, जहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया. काशी की धरती पर उनका आगमन इसलिए भी खास माना जा रहा है क्योंकि यह शहर भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक राजधानी है, और मॉरीशस तथा भारत के बीच सांस्कृतिक रिश्ते सदियों पुराने हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. रामगूलाम के साथ बैठक की और द्विपक्षीय संबंधों की व्यापक समीक्षा की. दोनों नेताओं ने बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य सेवा, डिजिटल तकनीक, ऊर्जा और समुद्री सुरक्षा जैसे अहम क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति जताई.
पीएम मोदी ने क्या कहा?
बैठक में न सिर्फ द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा हुई बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक परिप्रेक्ष्य में भी विचारों का आदान-प्रदान हुआ. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और मॉरीशस के बीच साझेदारी केवल आर्थिक और रणनीतिक सहयोग तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका आधार साझा संस्कृति, परंपरा और ऐतिहासिक संबंध हैं.
देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी की नई दिशा
डॉ. रामगूलाम का वाराणसी दौरा इस मायने में भी महत्वपूर्ण है कि यहां वे गंगा घाटों और आध्यात्मिक धरोहर से सीधे तौर पर जुड़ेंगे, जिससे भारत और मॉरीशस के बीच सांस्कृतिक पुल और मजबूत होगा. यह दौरा दोनों देशों के बीच न केवल रणनीतिक साझेदारी को नई दिशा देगा, बल्कि लोगों से लोगों के रिश्तों को भी गहराई प्रदान करेगा.
21वीं सदी में भारत और मॉरीशस के संबंध मजबूत
स्पष्ट है कि भारत और मॉरीशस अपने रिश्तों को 21वीं सदी की जरूरतों के मुताबिक ढालने के लिए प्रतिबद्ध हैं. यह मुलाकात इस बात का संकेत है कि आने वाले समय में दोनों देश न सिर्फ पारंपरिक सहयोग को और गहरा करेंगे, बल्कि डिजिटल और हरित विकास जैसे नए क्षेत्रों में भी साथ मिलकर काम करेंगे.