पंजाब में राहुल गांधी को सिरोपा देने वाले ग्रंथी की सेवाएं समाप्त, दो निलंबित

चंडीगढ़ : लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को पंजाब दौरे के समय सिरोपा भेंट किए जाने के मामले में शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी ने सख्त कार्रवाई की है। गुरु मर्यादा के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए चार कर्मचारियों व अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई की गई है।इनमें से दो को निलंबित कर दिया है, जबकि एक की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। एक अधिकारी का तबादला किया गया है।

राहुल गांधी बीती 15 सितंबर को पंजाब के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने के लिए आए थे। इस दौरान वह अमृतसर स्थित बाबा बुड्ढा साहिब जी के गुरुद्वारा साहिब भी गए, जहां प्रबंधकों ने उन्हें सिरोपा पहनाकर सम्मानित किया। इसके बाद विवाद खड़ा हो गया और कई सिख जत्थेबंदियों ने एसजीपीसी के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई। इस पर एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंद्र सिंह धामी ने एक कमेटी गठित की। कमेटी ने बुधवार सुबह इस मामले में रिपोर्ट सौंप दी, जिसके बाद एसजीपीसी अध्यक्ष ने कार्रवाई की है।

एसजीपीसी के सचिव प्रताप सिंह के मुताबिक कांग्रेस नेता राहुल गांधी के गुरुद्वारा बाबा बुढ्ढा साहिब जी रमदास में आने के समय मर्यादा का उल्लंघन हुआ था, जिसकी जांच रिपोर्ट मिलने के बाद आज ही कार्रवाई कर दी गई है। कथावाचक भाई पलविंद्र सिंह तथा सेवादार भाई हरविंद्र सिंह को निलंबित कर दिया गया है। अस्थाई रूप से सेवा निभा रहे ग्रंथी भाई कुलविंद्र सिंह की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। प्रबंधक प्रगट सिंह को चेतावनी देते हुए उनका तबादला कर दिया गया है।

प्रताप सिंह ने बताया कि जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि कांग्रेस नेता गुरुद्वारा साहिब के दरबार में निर्धारित जंगले के भीतर गए थे, जो मर्यादा का सीधे तौर पर उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि इस निर्धारित स्थान पर जाने के लिए तय की गई वेषभूषा भी अनिवार्य है। अंदर की सेवा निभा रहे ग्रंथी, सेवादारों तथा संबंधित कर्मचारियों के अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति यहां प्रवेश नहीं कर सकता है। इसके अलावा कांग्रेस नेताओं को सिरोपा भेंट करते समय भी आतंरिक कमेटी के फैसले का उल्लंघन हुआ है। एसजीपीसी के अनुसार दरबार के भीतर किसी भी वीआईपी को सिरोपा नहीं दिया जा सकता है। इन दो कारणों के चलते जांच रिपोर्ट के आधार पर कर्मचारियों के विरूद्ध कार्रवाई की गई है।

दूसरी तरफ, एसजीपीसी की महिला सदस्य किरनजोत कौर ने फेसबुक पर पोस्ट डाल कर लिखा-मेरी बात बहुत से लोगों को अच्छी नहीं लगेगी, लेकिन मैं कहना चाहती हूं। यदि इंदिरा गांधी ने दरबार साहिब पर हमला किया था, तो कौम ने उसे बख्शा नहीं। हिसाब बराबर। उसके पोते का क्या दोष जो खुद उस समय बच्चा था। उन्होंने कभी सिखों के खिलाफ कोई बात नहीं कही। इसलिए दादी के गुनाहों के लिए उसे जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।

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