Sonam Wangchuk Arrested: लद्दाख में राज्य का दर्जा और संवैधानिक अधिकारों की मांग को लेकर आंदोलन चला रहे प्रसिद्ध एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उन पर भीड़ को उकसाने और भड़काऊ बयान देने के आरोप लगाए गए हैं. वांगचुक को कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया है, जिसमें लंबे समय तक बिना जमानत हिरासत की व्यवस्था है.
जोधपुर जेल में भेजे गए वांगचुक
सूत्रों के मुताबिक, गिरफ्तारी के बाद पहले उन्हें दिल्ली लाया गया और वहां से विशेष सुरक्षा इंतजामों के तहत एयरफोर्स स्टेशन के जरिये राजस्थान की जोधपुर सेंट्रल जेल भेजा गया. गिरफ्तारी के बाद लेह में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं ताकि अफवाह और गलत जानकारी न फैल सके.
जोधपुर सेंट्रल जेल ही क्यों?
जानकारी के अनुसार, जोधपुर सेंट्रल जेल में शिफ्ट करने के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं. पहला कारण है उनकी सुरक्षा को देखते हुए स्थानीय जेलों में उन्हें रखना जोखिमभरा हो सकता था क्योंकि लद्दाख में उनके आंदोलन के समर्थक सक्रिय हैं. दूसरा कारण है कि उन्हें अपने इलाके से दूर रखकर संभावित अशांति को रोका जा सके. तीसरा और अहम कारण यह है कि जोधपुर सेंट्रल जेल देश की चुनिंदा हाई सिक्योरिटी जेलों में शामिल है, जहां एनएसए जैसे गंभीर मामलों में बंद कैदियों को रखा जाता है.
वांगचुक को आम कैदियों से अलग रखा जाएगा ताकि उनकी जान को कोई खतरा न हो. सूत्रों के अनुसार, इस तरह का कदम अक्सर तब उठाया जाता है जब किसी कैदी का स्थानीय प्रभाव ज्यादा हो और उसके समर्थकों के जरिए जेल या क्षेत्र की शांति भंग होने की आशंका हो.
FCRA रद्द होने के बाद गिरफ्तारी
बता दें कि केंद्र सरकार ने वांगचुक की संस्था ‘स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख’ (SECMOL) का एफसीआरए पंजीकरण भी रद्द कर दिया है. इसके बाद से वे लगातार सरकार पर निशाना साध रहे थे. खुद वांगचुक ने गिरफ्तारी से एक दिन पहले कहा था कि वे “इस आंदोलन के लिए कभी भी गिरफ्तार होने को तैयार हैं.”
उल्लेखनीय है कि 2018 में रेमन मैग्सेसे अवार्ड से सम्मानित वांगचुक ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि सरकार और प्रशासन उनकी आवाज को दबाने की कोशिश कर रहे हैं. हाल ही में हुए हिंसक प्रदर्शन में चार लोगों की मौत और 50 से ज्यादा घायल हुए थे, जिसके बाद यह कार्रवाई हुई.