यूपी में दिखी लैंगिक समानता की नई लहर

लखनऊ;  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में चल रहे मिशन शक्ति 5.0 अभियान ने नारी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को जनआंदोलन का रूप देना शुरू कर दिया है। बीते छह दिनों में योगी सरकार ने विभिन्न विभागों के समन्वय और अलग-अलग कार्यक्रमों के माध्यम से प्रदेश के कोने-कोने में अपनी पहुंच बनाई है। इसी कड़ी में महिला एवं बाल विकास विभाग ने शनिवार को पूरे प्रदेश में लैंगिक समानता पर विशेष जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया।

महिला सशक्तीकरण पर आधारित विभिन्न प्रकार के नुक्कड़ नाटकों ने बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित किया है। शहरों की गलियों, मोहल्लों, ग्राम पंचायतों की चौपालों, स्कूलों और कॉलेजों तक फैले इन नाटकों ने जन-जन में एक सशक्त संदेश छोड़ा। इस अभियान का उद्देश्य लैंगिक असमानता को समाज की प्रगति में बाधा के रूप में पहचान कराना और महिलाओं-बालिकाओं को आत्मनिर्भर, सुरक्षित व सम्मानित जीवन प्रदान करना है। बीते छह दिन में इस अभियान में 4,15,355 लोगों तक पहुंच बनाई है।

सामाजिक बदलाव की धुरी बन रहा मिशन शक्ति 5.0 अभियान
प्रदेश भर में प्रस्तुत नुक्कड़ नाटकों ने लोगों को झकझोरा और लैंगिक असमानता की जड़ों पर विचार करने को प्रेरित किया। इन नाटकों में दिखाया गया कि लैंगिक असमानता का अर्थ महिलाओं-पुरुषों को अवसर, शिक्षा, रोजगार और सामाजिक मान्यता में समानता से वंचित रखना है। बचपन से भेदभाव, शिक्षा-स्वास्थ्य में असमानता, कार्यस्थल पर भेदभाव और वेतन असमानता जैसे मुद्दों को रंगमंच पर जीवंत किया गया। एक दृश्य में, जहां लड़कियों के करियर को सीमित करने का चित्रण हुआ, वहीं समाधान के रूप में परिवारों में बेटे-बेटियों के समान व्यवहार और शिक्षा के अवसरों को बढ़ावा देने का संदेश दिया गया।

लोगों ने लिया संकल्प, तोड़ेंगे भेदभाव की दीवार
नाटकों के माध्यम से यह भी बताया कि जब महिलाएं कार्यस्थल पर असमान व्यवहार का सामना करती हैं, तो उनकी आत्मनिर्भरता प्रभावित होती है, जो देश की आर्थिक प्रगति को भी धीमा करती है। स्कूल-कॉलेज के छात्रों और ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी ने इस अभियान को जनआंदोलन का रूप दे दिया है। आम जनता भी इस अभियान में बड़े उत्साह के साथ भाग ले रही है। बालिकाओं के नुक्कड़ नाटक से मिले संदेश के बाद आम जनता ने संकल्प लिया गया कि वे भेदभाव की दीवार तोड़ेंगे।

महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव लीना जौहरी ने कहा कि लैंगिक समानता इस अभियान की आधारशिला है, क्योंकि जब तक समाज में महिलाओं और पुरुषों को समान अवसर, अधिकार और सम्मान नहीं मिलेगा, तब तक हमारा विकास अधूरा रहेगा। नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से हमने इस संदेश को घर-घर पहुंचाया है कि लैंगिक असमानता केवल महिलाओं की समस्या नहीं, बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है।

लीना जौहरी ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि प्रत्येक बच्ची और प्रत्येक महिला आत्मनिर्भर, सुरक्षित, सम्मानित और समानता का जीवन जी सके। इसके लिए हमें परिवारों में बेटियों और बेटों के प्रति समान दृष्टिकोण, शिक्षा में समानता, कार्यस्थलों पर सम्मानजनक वातावरण और सामाजिक संस्थानों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com