देश भर में छठ महापर्व की धूम है. आज माता छठी और सूर्य देव की अराधना की जाती है. संयम, भक्ति, पवित्रता और शुद्घता ही इस त्योहार का प्रमुख अंग है. क्या आपको पता है कि पूजा करने का शुभ मुहूर्त क्या है. आज किन मंत्रों का जाप करना लाभदायी होता है. अगर नहीं तो ये खबर आफके लिए हैं, आइये जानते हैं….
छठ पूजा का आज तीसरा दिन है. आज ही व्रती महिलाएं डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देती हैं. सूर्य देव और छठी मइया के मंत्रों का जप करना आज के दिन शुभ फल देता है. छठ पूजा के अंतिम दिन और चौथे दिन यानी कल उगते हुए सूरज को अर्घ्य दिया जाता है. व्रती महिलाएं इसके बाद प्रसाद ग्रहण करती हैं और व्रत का पारण करती हैं. व्रती महिलाओं के पारण के बाद इस प्रसाद को आस-पड़ोस के लोगों में बांट दिया जाता है.
सूर्य अर्घ्य का शुभ मुहूर्त
27 अक्टूबर को अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देने का समय- शाम 4.50 बजे से 5.41 बजे तक
28 अक्टूबर को उदय होते सूर्य को अर्घ्य देने का समय- सुबह 6.29 बजे सूर्योदय होगा, नौ बजे तक सूर्य को अर्घ्य दिया जा सकता है.
नहाय-खाय के दिन क्या करें
बता दें, छठ पूजा चार दिनों की पूजा-पाठ और व्रत का त्योहार है. छठ पूजा की शुरुआत नहाय-खास से होती है, जो 25 अक्टूबर को मनाई गई थी. पूरे घर को इस दिन साफ किया जाता है. व्रती पवित्र नदियों में स्नान करते हैं. मिट्टी के चूल्हे में इस दिन भोजन बनाया जाता है. कद्दू की सब्जी, चने की दाल प्रसाद के रूप में खाई जाती है.
खरना के दिन क्या करें
छठ पूजा का दूसरा दिन बहुत ही खास माना जाता है. इसे खरना के रूप में जाना जाता है. व्रती इस दिन आत्मिक और शारीरिक रूप से खुद को शुद्ध करते हैं. पूरे दिन व्रत रखकर शाम के वक्त छठी माता और सूर्य देव की पूजा की जाती है. प्रसाद के रूप में इस दिन गुड़ या फिर दूध की खीर बनाई जाती है. व्रती रोटी, पूड़ी और केला भी प्रसाद के रूप में खा सकती हैं. प्रसाद के बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत आरंभ हो जाता है, जो चौथे दिन सूर्य को अर्घ्य देकर समाप्त होता है.
सूर्य अर्घ्य का शुभ मुहूर्त
27 अक्टूबर को अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देने का समय- शाम 4.50 बजे से 5.41 बजे तक
28 अक्टूबर को उदय होते सूर्य को अर्घ्य देने का समय- सुबह 6.29 बजे सूर्योदय होगा, नौ बजे तक सूर्य को अर्घ्य दिया जा सकता है.
इन मंत्रों का करें ध्यान
आज छठ पूजा का तीसरा दिन है. आज के दिन ही डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. आज के दिन सूर्य देव और छठी मइया के मंत्रों का जप करना शुभ होता है. छठ पूजा के अंतिम दिन यानी कल उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इसके बाद व्रती प्रसाद ग्रहण करती हैं और व्रत का पारण करते हैं. इस प्रसाद को इसके बाद हर किसी में बांटा जाता है.
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