नई दिल्ली : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने बेंगलुरु में एक व्यक्ति से उसकी बेटी की मृत्यु के बाद एम्बुलेंस चालक, पुलिसकर्मियों, श्मशान घाट कर्मचारियों और नगर निकाय अधिकारियों के रिश्वत लिए जाने की खबर पर स्वतः संज्ञान लिया है। आयोग ने कर्नाटक के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
एनएचआरसी ने बताया कि मीडिया रिपोर्टों में बताया गया कि 64 वर्षीय व्यक्ति की इकलौती बेटी आईआईटी मद्रास और आईआईएम अहमदाबाद की स्नातक थी और बेंगलुरु में कार्यरत थी। वह 18 सितंबर को ब्रेन हैमरेज से पीड़ित हुई थी। उसकी मृत्यु के बाद जब पिता ने एम्बुलेंस बुलाई, तो चालक ने मनमाना किराया वसूला। पुलिस ने मृत्यु की सूचना दर्ज करने पर कोई सहानुभूति नहीं दिखाई और प्राथमिकी व पोस्टमार्टम रिपोर्ट की प्रति रिश्वत लेने के बाद ही दी।
रिपोर्ट में बताया गया कि मृतका के परिवार ने बेटी की आंखें दान कीं, लेकिन श्मशान घाट पर भी कर्मचारियों ने पैसे मांगे। महादेवपुरा नगर निगम अधिकारियों ने मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने में देरी की और रिश्वत देने के बाद ही प्रमाणपत्र जारी किया। आयोग ने कहा है कि यदि रिपोर्ट में तथ्य सही हैं तो यह गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन का मामला है। एनएचआरसी ने राज्य सरकार से घटना की पूरी जानकारी और की गई कार्रवाई की रिपोर्ट दो सप्ताह में मांगी है।
Shaurya Times | शौर्य टाइम्स Latest Hindi News Portal