नई दिल्ली : भारतीय नौसेना ने अपनी जल सर्वेक्षण क्षमताओं को और मजबूत बनाने के लिए गुरुवार को कोच्चि के नौसेना बेस पर स्वदेशी हाइड्रोग्राफिक पोत ‘इक्षक’ अपने युद्धक बेड़े में शामिल किया है। दक्षिणी नौसेना कमान का हिस्सा बनने वाला यह सर्वेक्षण पोत समुद्री क्षेत्रों का अन्वेषण करने के साथ भारत की व्यापक समुद्री सीमाओं की सुरक्षा करने के अपने मिशन को अंजाम देगा। नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने कमीशनिंग क्रू को बधाई देते हुए कहा कि मुझे विश्वास है कि आप निडर भावना, साहस और दृढ़ता के साथ नाविकों को महासागरों के पार सुरक्षित मार्गदर्शन प्रदान करके ‘इक्षक’ के आदर्श वाक्य ‘निर्भय वीर पथ प्रदर्शक’ पर खरा उतरेंगे।
नौसेना के मुताबिक अपनी श्रेणी के तीसरे पोत के रूप में ‘इक्षक’ का नौसेना में शामिल होना उन्नत, अत्याधुनिक प्लेटफार्मों के निर्माण के प्रति नौसेना की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिससे क्षमता वृद्धि और आत्मनिर्भरता की गति को बल मिलेगा। कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) लिमिटेड में जहाज उत्पादन निदेशालय और युद्धपोत निरीक्षण दल की देखरेख में निर्मित इक्षक में 80 फीसदी से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है। यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान की सफलता के साथ-साथ जीआरएसई और देश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के बीच सशक्त होते सहयोग व तकनीकी सामंजस्य का प्रमाण है।
जहाज का नाम ‘इक्षक’ इसलिए रखा गया है, क्योंकि इसका अर्थ ‘मार्गदर्शक’ है। यह नाम जहाज के मिशन का प्रतीक है, जिसका कार्य अज्ञात का पता लगाना, नाविकों के लिए सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करना और भारत की समुद्री शक्ति को मजबूत करना है। जल सर्वेक्षण कार्यों की अपनी प्राथमिक भूमिका के अलावा इक्षक को दोहरी भूमिका क्षमता के साथ डिजाइन किया गया है। यह जहाज मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) और आपात स्थिति के दौरान एक अस्पताल के रूप में कार्य करता है। यह महिलाओं के लिए विशेष आवास वाला पहला एसवीएल जहाज भी है।
यह पोत बंदरगाहों, तटों और नौवहन चैनलों में व्यापक तटीय तथा गहरे समुद्री सर्वेक्षण करने के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है। इन सर्वेक्षणों से प्राप्त डेटा न केवल समुद्र में सुरक्षित नौवहन को सुनिश्चित करेगा, बल्कि भारत की समुद्री सुरक्षा और रणनीतिक अवसंरचना को भी सुदृढ़ बनाएगा। यह जहाज हाई-रिजॉल्यूशन मल्टी-बीम इको साउंडर, ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (एयूवी), रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल (आरओवी) और चार सर्वे मोटर बोट (एसएमबी) जैसे अत्याधुनिक हाइड्रोग्राफिक एवं समुद्र-विज्ञान उपकरणों से लैस है। इससे भारतीय नौसेना के हाइड्रोग्राफिक बेड़े में अभूतपूर्व बहुमुखी प्रतिभा तथा तकनीकी क्षमता मजबूत होगी।
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