वायु सेना को जल्द मिलेंगे एलसीए तेजस-1ए, इंजन आपूर्ति के लिए एचएएल का अमेरिकी कंपनी से हुआ करार

नई दिल्ली : अमेरिकी कंपनी जीई एयरोस्पेस और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के बीच एफ-404 इंजनों की आपूर्ति के लिए शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण समझौते पर सहमत हो गए। इस इंजन का इस्तेमाल एलसीए तेजस मार्क-1ए लड़ाकू विमानों में किया जाएगा, जिन्हें निकट भविष्य में भारतीय वायु सेना में शामिल किया जाना है। इंजन को लेकर बुनियादी समस्याओं का समाधान होने के बाद अब विमान के उत्पादन में तेजी आने की उम्मीद बढ़ी है। एचएएल को रक्षा मंत्रालय ने इस साल सितंबर में ही 97 तेजस मार्क-1ए विमानों का नया ऑर्डर दिया है।

 

एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. डीके सुनील ने कहा कि एक अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक कीमत वाले 113 जीई-404 इंजनों के ऑर्डर के लिए बातचीत पूरी होने के बाद अनुबंध हो गया है। एचएएल का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2032-33 तक सभी 180 विमानों का निर्माण पूरा करना है। डॉ. सुनील ने कहा कि जीई ने हमें एक साल में 12 इंजन देने का वादा किया था । इस साल हमें 10 इंजन मिल सकते हैं, शेष इंजन हमें अगले वित्तीय साल (मार्च) तक मिल जाएंगे। हम 10वें विमान का ढांचा बना चुके हैं और 11वां विमान तैयार है।

 

रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायु सेना के लिए एचएएल को कुल 180 एलसीए तेजस मार्क-1ए लड़ाकू विमानों का ऑर्डर दे रखा है। एचएएल के साथ इसका पहला समझौता फरवरी, 2021 में 48 हजार करोड़ रुपए का हुआ था। इस अनुबंध में 73 तेजस मार्क-1ए जेट और 10 प्रशिक्षण विमान शामिल थे। रक्षा मंत्रालय की ओर से 25 सितंबर को 97 एलसीए मार्क-1ए लड़ाकू विमानों का दूसरा ऑर्डर दिया गया, जिसमें 68 सिंगल सीटर और 29 ट्विन सीटर विमान हैं, जिनकी डिलीवरी 2027-28 में शुरू होकर छह वर्षों में पूरी होगी। इन विमानों के निर्माण के लिए एचएएल को 2024 में इंजन की पहली खेप मिलने की उम्मीद थी, लेकिन इस बीच कंपनी जीई एयरोस्पेस (जीई) ने एफ-404 इंजन का उत्पादन बंद कर दिया।

 

अनुबंध के अनुसार एचएएल को इसी साल मार्च (2025) से तेजस मार्क-1ए लड़ाकू विमानों की आपूर्ति करनी थी, लेकिन इसमें लगने वाले इंजन की अमेरिका से आपूर्ति में देरी की वजह से इंतजार लंबा हो गया। अमेरिकी कंपनी ने अब तक एचएएल को महज चार इंजनों की आपूर्ति की है और इस वित्तीय वर्ष के अंत तक भारत को 12 जीई-404 इंजन मिलने की उम्मीद है। रक्षा मंत्रालय से नया ऑर्डर मिलने के बाद एचएएल ने अमेरिकी कंपनी के साथ बातचीत का दौर तेज कर दिया और आखिरकार मेहनत रंग लाई। इंजन को लेकर बुनियादी समस्याओं का समाधान हो गया है, इसलिए अब उत्पादन में तेजी आएगी। जीई ने अगले साल 20 इंजन देने का वादा किया है, जिसके लिए शीर्ष प्रबंधन के साथ एक बैठक की है। ——————–

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