ईईजेड में सतत मत्स्य दोहन के लिए नए नियम लागू, छोटे मछुआरों का सशक्तिकरण और निर्यात को बढ़ावा

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ब्लू इकॉनमी कए सपने को साकार करने के लिए केंद्र सरकार ने एक्सक्लूसिव इकनॉमिक जोन (ईईजेड) में सतत मत्स्य दोहन, अवैध मछली पकड़ने पर रोक, छोटे मछुआरों को सशक्त बनाने और समुद्री निर्यात बढ़ाने के उद्देश्य से नए नियम लागू किए।

 

केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अनुसार, इन नियमों में मछुआरा सहकारी समितियों को प्रशिक्षण, अंतरराष्ट्रीय अनुभव यात्राओं, प्रसंस्करण, विपणन और ब्रांडिंग में सहायता दी जाएगी। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना और मत्स्य एवं जलीय कृषि अवसंरचना विकास निधि के तहत सस्ती ऋण सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। सरकार ने एलईडी लाइट फिशिंग, पेयर ट्रॉलिंग और बुल ट्रॉलिंग जैसी हानिकारक मत्स्य प्रथाओं पर प्रतिबंध लगाया है। साथ ही अवैध, अनिर्दिष्ट और अनियंत्रित (आईयूयू) मछली पकड़ने पर रोक के लिए राष्ट्रीय कार्ययोजना बनाई जाएगी।

 

नए नियमों के तहत यांत्रिक नौकाओं को ऑनलाइन रियलक्राफ्ट पोर्टल के माध्यम से निशुल्क एक्सेस पास उपलब्ध कराया जाएगा, जबकि पारंपरिक और छोटे मछुआरे इससे मुक्त रहेंगे। यह व्यवस्था पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी होगी, जिससे प्रक्रिया में समय की बचत और सरलता सुनिश्चित होगी। इन नियमों से गहरे समुद्र में मछली पकड़ने को प्रोत्साहन मिलेगा, समुद्री उत्पादों के निर्यात, मूल्यवर्द्धन और उत्पत्ति पहचान प्रणाली को बल मिलेगा।

 

“मदर एंड चाइल्ड वेसल” प्रणाली लागू की जाएगी, जिससे समुद्र में ही ट्रांसशिपमेंट की सुविधा उपलब्ध होगी। अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप जैसे द्वीपीय क्षेत्रों को इससे विशेष लाभ होगा, क्योंकि ये भारत के ईईजेड क्षेत्र के लगभग आधे हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं।

 

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