2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष एकजुट होकर भारतीय जनता पार्टी को घेरने का प्लान बना रहा है। इस उपलक्ष में दिल्ली में सोमवार को विपक्षी दलों की बैठक आयोजित की गई। यह बैठक आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बुलाई थी, जिसमें लगभग सभी विपक्षी दलों के नेता मौजूद रहे।
इस बैठक में सत्र का एजेंडा तय करने को लेकर चर्चा हुई। हालांकि इस महत्वपूर्ण बैठक से समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने दूरियां बनाकर रखी। इस पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सपा-बसपा के भी साथ आने का भरोसा जताते हुए कहा कि एकजुटता को लेकर अभी प्रक्रिया शुरू हुई है और वे सभी प्रगतिशील सोच वाले दलों का सम्मान करते हैं व उन्हें साथ लाने की कोशिश करेंगे। विपक्षी पार्टियां जल्द ही विभिन्न मुद्दों को लेकर राष्ट्रपति से मुलाकात भी कर सकती हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मीडिया से कहा हम सभी राजनीतिक दल आरएसएस और भाजपा के एजेंडे के खिलाफ एकजुट हुए हैं और इन्हें रोकने का काम करेंगे। राहुल ने फिर कहा कि मोदी सरकार में सभी संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने के साथ सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स जैसी एजेंसियों को इस्तेमाल राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के लिए किया जा रहा है जिसके खिलाफ सब मिलकर विरोध करेंगे।
वहीं राफेल विमान खरीद के भ्रष्टाचार जिसमें सीधे तौर पर पीएम के कहने अनिल अंबानी को 30 हजार करोड़ रुपए दिए गए हैं उस पर एक शब्द नहीं बोलते। भ्रष्टाचार की बात करनी है तो राफेल की करें। राहुल आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल के इस्तीफे पर कहा कि वे देश की अर्थव्यवस्था को बचाना चाहते थे इसीलिए उन्होंने इस्तीफा दिया है।
वहीं विपक्षी दलों को एकसूत्र में पिरोने वाले सूत्रधार चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि यह विपक्षी दलों की ऐतिहासिक बैठक रही है। उन्होंने कहा कि हम सब दलों की ही नहीं सरकार के खिलाफ ये देश की आवाज है। मोदी सरकार स्वायत्त संस्थाओं पर हमला कर रही है और आरबीआई गवर्नर का इस्तीफा इसी हमले का नतीजा है। गौरतलब हो मंगलवार को ही पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे भी घोषित होंगे।
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