बार-बार खराब होने से परेशान व्यवसायी ने 40 लाख की SUV को कचरा ढोने में लगाया

एक महंगी गाड़ी के बार-बार खराब होने और इसके ठीक नहीं होने से त्रस्त एक बिजनेसमैन ने 40 लाख की गाड़ी को मुंबई के पास कचरा ढोने के काम में लगा दिया.एक महंगी गाड़ी के बार-बार खराब होने और इसके ठीक नहीं होने से त्रस्त एक बिजनेसमैन ने 40 लाख की गाड़ी को मुंबई के पास कचरा ढोने के काम में लगा दिया.  मामला महाराष्ट्र के पुणे से सटे पिंपरी-चिंचवड के एक बिजनेसमैन से जुड़ा है. उसने 39 लाख रुपये में स्पोर्ट यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी ) खरीदी, लेकिन महज दो महीने में ही इसमें तमाम तकनीकी गड़बड़ी आ गईं.  बार-बार ठीक नहीं होने से हुए नाराज  ट्रक ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय करने वाले हेमराज चौधरी ने इसको ठीक कराने के लिए कई बार शोरूम के चक्कर काटे, लेकिन जब इस एसयूवी को दुरुस्त नहीं किया जा सका. इससे तंग आकर उन्होंने अपनी इतनी महंगी एसयूवी को बृहन्मुंबई नगर निगम में कचरा ढोने में लगाने का फैसला ले लिया और खुद भी स्वच्छता अभियान की तरह जुट गए.  हेमराज चौधरी अपने हाथों से पास पड़ोस का कचरा इस गाड़ी में इकट्ठा करके ढोने लगे. जब शोरूम के सेल्स मैनेजर को इस घटना की जानकारी हुई, तो वो फौरन हरकत में आए और हेमराज की गाड़ी को पूरी तरह दुरुस्त करने का आश्वासन दिया.  हेमराज के मुताबिक उन्होंने 15 मार्च को 39 लाख रुपये में नई एसयूवी खरीदी थी. इसमें सिर्फ दो महीने में ही तकनीकी गड़बड़ी आ गईं. इस एसयूवी  में आरपीएम बढ़ना, स्टेयरिंग से कलर छूटना, चलाते वक्त वाइब्रेट करना और इंटीरियर में खराबी जैसी समस्याएं आने लगीं. इसके बाद व्यवसायी हेमराज इसको लेकर शोरूम के चक्कर लगाते रहे.  शोरुम ने किया ठीक कराने का वादा  इस दौरान दो महीने में करीब तीन बार इस गाड़ी की सर्विसिंग भी कराई गई, लेकिन इसको ठीक नहीं किया जा सका. इससे तंग आकर उन्होंने अपनी महंगी एसयूवी को बृहन्मुंबई नगर निगम में कचरा ढोने में लगाने का फैसला लिया. इस मामले में जब शरयू टोयोटा के शोरुम के अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने इस पर बात करने से सभी ने इंकार जताया, लेकिन जब सारी बातें शोरूम के जनरल सेल्स मैनेजर के सामने रखी गई तो उन्होंने गाड़ी मालिक के सभी शिकायतों पर सहमति जताते हुए उसे पूरी तरह दुरुस्त करने का आश्वासन दिया है.

मामला महाराष्ट्र के पुणे से सटे पिंपरी-चिंचवड के एक बिजनेसमैन से जुड़ा है. उसने 39 लाख रुपये में स्पोर्ट यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी ) खरीदी, लेकिन महज दो महीने में ही इसमें तमाम तकनीकी गड़बड़ी आ गईं.

बार-बार ठीक नहीं होने से हुए नाराज

ट्रक ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय करने वाले हेमराज चौधरी ने इसको ठीक कराने के लिए कई बार शोरूम के चक्कर काटे, लेकिन जब इस एसयूवी को दुरुस्त नहीं किया जा सका. इससे तंग आकर उन्होंने अपनी इतनी महंगी एसयूवी को बृहन्मुंबई नगर निगम में कचरा ढोने में लगाने का फैसला ले लिया और खुद भी स्वच्छता अभियान की तरह जुट गए.

हेमराज चौधरी अपने हाथों से पास पड़ोस का कचरा इस गाड़ी में इकट्ठा करके ढोने लगे. जब शोरूम के सेल्स मैनेजर को इस घटना की जानकारी हुई, तो वो फौरन हरकत में आए और हेमराज की गाड़ी को पूरी तरह दुरुस्त करने का आश्वासन दिया.

हेमराज के मुताबिक उन्होंने 15 मार्च को 39 लाख रुपये में नई एसयूवी खरीदी थी. इसमें सिर्फ दो महीने में ही तकनीकी गड़बड़ी आ गईं. इस एसयूवी  में आरपीएम बढ़ना, स्टेयरिंग से कलर छूटना, चलाते वक्त वाइब्रेट करना और इंटीरियर में खराबी जैसी समस्याएं आने लगीं. इसके बाद व्यवसायी हेमराज इसको लेकर शोरूम के चक्कर लगाते रहे.

शोरुम ने किया ठीक कराने का वादा

इस दौरान दो महीने में करीब तीन बार इस गाड़ी की सर्विसिंग भी कराई गई, लेकिन इसको ठीक नहीं किया जा सका. इससे तंग आकर उन्होंने अपनी महंगी एसयूवी को बृहन्मुंबई नगर निगम में कचरा ढोने में लगाने का फैसला लिया.

इस मामले में जब शरयू टोयोटा के शोरुम के अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने इस पर बात करने से सभी ने इंकार जताया, लेकिन जब सारी बातें शोरूम के जनरल सेल्स मैनेजर के सामने रखी गई तो उन्होंने गाड़ी मालिक के सभी शिकायतों पर सहमति जताते हुए उसे पूरी तरह दुरुस्त करने का आश्वासन दिया है.

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