रामसेतु तक एक बार फिर मिलेगा सीधा रेल संपर्क,केंद्र सरकार ने दी मंजूरी

केंद्र सरकार ने सोमवार को रामेश्वरम-धनषुकोडि सेक्शन पर रेल लाइन बिछाने की मंजूरी दे दी है। इससे प्रसिद्ध रामसेतु तक सीधा रेल संपर्क बहाल हो जाएगा। क्योंकि धनुषकोडि से रामसेतु शुरू होता था। करोड़ों रामभक्तों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने पंबन सेतु के सामानंतर नया पुल बनाने की मंजूरी भी दे दी है। रेलवे के उक्त दोनों अति महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर 458 करोड़ की लागत आएगी।

रेल मंत्रालय ने सोमवार को जमीन पर 17 किलोमीटर लंबी रामेश्वरम-धनुषकोडि रेल लाइन को दुबारा बिछाने की मंजूरी दे दी है। इसके आगे तलाईमन्नार (श्रीलंका) का शहर है। इस रेल लाइन को बनाने के लिए डीपीआर, डिजाइन व दस्तावेजी कार्रवाई जनवरी माह से शुरू कर दिया जाएगा। इस परियोजना पर 208 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।

रेल मंत्रालय ने रामेश्वरम जाने वाले रामभक्तों की सुविधा के लिए पंबन सेतु के सामानंतर नया पुल बनाने की मंजूरी भी दे दी है। इसमें तमिलनाडु के मंडपम से रामेश्वरम के बीच दो किलोमीटर लंबा समुद्र पर नया सेतु बनाया जाएगा। नया सेतु पुराने पंबन सेतु से तीन मीटर ऊंचा होगा। इससे ज्वार-भाटा के दौरान रेल परिचालन पर असर नहीं पड़ेगा। 24 फरवरी 1914 में शुरू हुए पुराने सेतु की स्थिति जर्जर हो रही है। नए सेतु के निर्माण पर 250 करोड़ की लागत आएगी। अधिकारी ने बताया दोनों परियोजनाएं अगले चार साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

तकनीक की मिसाल बनेगा नया पुल 
नया पंबन सेतु अधुनिक तकनीक की मिसाल बनेगा। समुद्र में बड़े जहाज, स्टीमर के जाने के लिए पहली बार वर्टिकल लिफ्ट (यूरोपीय तकनीक) की तर्ज पर सेतु का 63 मीटर लंबा हिस्सा रेल लाइन सहित ऊपर उठ जाएगा। रेल लाइन के दोनों छोर और उठने वाले हिस्से पर कंट्रोल के लिए टावर बनेंगे। इस लाइन में इस्तेमाल होने वाले स्लीपर कंपोजिट (कई प्रकार की सामग्री) होंगे। इससे समुद्र के खारे पानी व हवा से क्षरण नहीं होगा।

1964 में तबाह हो गई थी लाइन
रामेश्वरम-धनुषकोडि रेल लाइन 1964 में आए साइक्लोन में पूरी तरह तबाह हो गई थी। इस दौरान एक पैसेंजर ट्रेन में सवार सभी 115 यात्री और रेलवे स्टाफ मारे गए थे। हालांकि धनुषकोडि रेलवे स्टेशन के अवशेष आज भी मौजूद हैं।

तलाईमन्नार तक रेल लाइन
श्रीलंका की तरफ से 1964 में ध्वस्त हुई रेलवे लाइन को श्रीलंका ने भारतीय एजेंसी इरकॉन की मदद से फिर से चालू कर दिया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 मार्च 2015 को कोलंबो से तलाईमन्नार तक जाने वाली रेल सेवा को हरी झंडी दिखाई थी। धनुषकोडि तक रेल लाइन बनने से एक बार फिर समुद्री मार्ग से श्रीलंका का सफर आसान हो सकेगा।

श्रीलंका के लिए था स्टीमर लिंक
1964 तक श्रीलंका जाने वाले यात्री धनुषकोडि रेलवे स्टेशन पर उतरते थे। यहां से श्रीलंका ( तब सिलोन) जाने के लिए उन्हें स्टीमर सेवा मिलती थी। इस स्टीमर का रेल के साथ ही संयुक्त टिकट मिल जाता था। धनुषकोडि से श्रीलंका के तालाईमन्नार की दूरी महज 35 किलोमीटर है।

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