नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं को सलाह दी कि वह मीडिया पर गुस्सा नहीं करें बल्कि मीडिया कर्मियों के साथ दोस्ती का संबंध बनाएं। उन्होंने कहा कि मीडिया कर्मी भी बहुत मेहनत और जी-जान से अपना काम अंजाम देते हैं। यह बात दूसरी है कि हर तबके के लोग मीडिया को लेकर शिकायत करते हैं। जिन लोगों के खिलाफ खबर छपती है या जिनकी नहीं छपती, वह अपना गुस्सा मीडिया पर उतारते हैं। मोदी ने रविवार को आंध्र प्रदेश के अनंतपुर, कड़प्पा, करनूल, नरासरावपेट और तिरुपति लोकसभा क्षेत्र के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं के साथ ‘मेरा बूथ, सबसे मजबूत’ अभियान के तहत बात कर रहे थे।
उन्होंने मीडिया के साथ अपने संपर्क का अनुभव सुनाते हुए कहा कि जब वह संगठन का काम करते थे तो उन्होंने प्रेस वालों से दोस्ताना संबंध स्थापित किया था। वर्ष 2001 की घटना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि उस दौरान एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में माधवराव सिंधिया और दो मीडिया कर्मियों की मृत्यु हुई थी। सिंधिया की मौत को लेकर पूरे देश में शोक था लेकिन मैं अपने दो मीडिया कर्मी मित्रों गोपाल बिष्ट और रंजन झा की मौत को लेकर भी दुखी था। उन्होंने कहा कि मीडिया एक ऐसी संस्था है जिसके बहुत से अंग और पहलू हैं। इसमें कैमरामैन होते हैं, डेस्क पर काम करने वाले पत्रकार और रिपोर्टर होते हैं। साथ ही इसे चलाने वाला एक व्यापारी होता है।
भाजपा कार्यकर्ताओं को चाहिए कि वह जमीन पर काम करने वाले मीडियाकर्मियों (फूट सोल्जर) के साथ निरंतर संपर्क कायम रखें। तथ्यों और आंकड़ों के साथ उन्हें अपनी बात समझाएं और केवल जनता से जुड़े हुए विभिन्न मुद्दों की जानकारी दें। आंध्र प्रदेश के कई कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री से शिकायत की थी कि राज्य सरकार मीडिया में विज्ञापन देकर और खबरें छपवाकर केवल अपना प्रचार कर रही है और केंद्र सरकार के कामकाज को कोई स्थान नहीं दे रही है। कार्यकर्ताओं ने मोदी से इस मीडिया दुष्प्रचार के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया था।
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