सुप्रीम कोर्ट ने एक जन हित याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को अपने बंगले खाली करना पड़ेंगे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बड़ी मुश्किल से उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रीअखिलेश यादव और मायावती ने अपने सरकारी बंगलों को खाली किया. दरअसल सुप्रीम कोर्ट का ये निर्णय जनहित में होकर अति विशिष्ट व्यक्तियों की संस्कृति के खिलाफ भी था. लेकिन बहुत कम लोगों को जानकारी है कि जिस जनहित याचिका को कोर्ट में दाखिल किया था वे लोक प्रहरी रिटायर आईएएस एसएन शुक्ला हैं .
आपको बता दें कि 75 वर्षीय एस एन शुक्ला सेवा निवृत्ति के 15 सालों बाद भी लोकतंत्र को मजबूत करने की लड़ाई लड़ रहे हैं . सरकारी बंगलों पर कब्जा करने वाले मुख्यमंत्रियों की सूची में अखिलेश यादव, मायावती, एनडी तिवारी, राजनाथ सिंह, कल्याण सिंह और मुलायम सिंह जैसे बड़े नेताओं के नाम थे. जो सालों से सरकारी बंगलों में रह रहे थे.इनको यहां से बेदखल करने का श्रेय इन्हीं को जाता है.एस एन शुक्ला समाजसेवी के अलावा वकील और पूर्व आईएएस अधिकारी भी रह चुके हैं.
आपको बता दें कि यह एनजीओ जो कुछ पूर्व आईएएस अधिकारियों, जज और दूसरे सरकारी अधिकारियों ने मिलकर बनाया था , जिससे शुक्ला 2003 में जुड़ गए थे.पूर्व सीएम से बंगले खाली करवाने के अलावा इस एनजीओ ने 2013 में अदालत में दोषी नेताओं के खिलाफ याचिका दर्ज की थी जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि सज़ायाफ्ता सांसद या विधायक सजा की तारीख से पद पर रहने के अयोग्य होंगे.इसके अलावा इसी एनजीओ ने 2015 में अदालत में चुनाव के समय नेताओं की पत्नियों और संबंधियों की संपत्ति के स्त्रोतों की जानकारी देने की भी मांग की थी.जिसे कोर्ट के आदेश से लागू किया गया.
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