नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सामान्य वर्ग के गरीबों को नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने संबंधी 103वें संविधान संशोधन कानून को शनिवार को अपनी मंजूरी दे दी। इसी के साथ सरकार ने भी अधिसूचना जारी कर दी। इस कानून के जरिए केंद्र और राज्य सरकारों को यह अधिकार मिल गया है कि वे सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण देने के लिए नियम कानून बना सकेंगे। आरक्षण की सुविधा की पात्रता के लिए गरीबी की सीमा का निर्धारण राज्य सरकारें अपने स्तर पर कर सकेंगी। आरक्षण की इस व्यवस्था के लिए संसद के दोनों सदनों में 124वां संविधान (संशोधन) विधेयक पेश किया गया था। विधेयक को दोनों सदनों की कुल सदस्य संख्या के बहुमत और मौजूद सदस्यों के दो तिहाई बहुमत से पारित किया गया था। विधेयक पारित होने और कानून बनने के लिहाज से इसकी क्रम संख्या 103वें संविधान संशोधन कानून के रूप में कर दी गई थी। उल्लेखनीय है कि यह विधेयक 08 जनवरी को लोकसभा में और 09 जनवरी को राज्यसभा में पारित हुआ था। इसके बाद विधेयक को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के लिए भेज दिया गया था।
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