हंगामे के बीच झारखंड विधानसभा में ग्रामीण विकास बजट पास

 झारखंड विधानसभा की कार्यवाही समय से एक घण्टे पहले शुरू हुई ताकि लंबित प्रश्नों पर सवाल जवाब हो. इस दौरान सदन में मुद्दों पर कई बार सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोंक-झोंक हुई. ओडीएफ के मामले पर विपक्ष ने सरकार को सदन में घेरा और कागजी बताते हुए गुणवत्ता पर प्रश्नचिन्ह लगाया तो नगर विकास मंत्री ने सदन के अंदर विरोधियों को चुनौती दे डाली. मुख्यमंत्री ने भी कहा कि योजना में कमी हो सकती है. साथ में उन्होंने कहा कि 70 सालों में पहली  बार पीएम मोदी जी ने गरीब बहन बेटियों की सुध ली है.

झारखंड विधानसभा में भोजनावकाश के बाद  चर्चा के दौरान विपक्ष के बहिष्कार के बीच ग्रामीण कार्य विभाग, पथ निर्माण विभाग, वन एवं पर्यावरण विभाग, खाद्य आपूर्ति विभाग का बजट स्वीकृत. विभागीय  चर्चा के दौरान विपक्ष ने कई मुद्दों पर सरकार को घेरा. प्रधानमंत्री आवास योजना हो या फिर सांसद आदर्श ग्राम, या फिर रांची जमशेदपुर सड़क निर्माण का लंबित होना. मनरेगा योजना के तहत न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने की मांग हो, सदन में जोरदार चर्चा हुई और 61 अरब 25 करोड़ 4 लाख का ग्रामीण कार्य विभाग की मांग सदन से स्वीकृत हुआ.

कांग्रेस ने स्वीकृत होने के बाद कहा धरातल पर दिखता कुछ नहीं और सदन में अफसर की भाषा पढ़ी जाती है. 4 साल में कोई बदलाव नहीं दिख रहा है साथ ही कहा ग्रामीण स्तर पर मनरेगा का बुरा हाल है. जब विपक्ष ने सरकार को घेरा तो सदन के अंदर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच ओडीएफ पर खूब गर्मागर्म बहस दिखी. सदन में मंत्री की तल्खी दिखी तो कमान मुख्यमंत्री ने संभाला और सदन को बताया कमियां हो सकती है पर अब गरीब बहन बेटियों के शौचालय के लिए संध्या का इंतजार नहीं करना पड़ता है.

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