सरकारी आदेश की अवज्ञा के लिए आलोक वर्मा पर हो सकती है विभागीय कार्रवाई : अधिकारी

सीबीआई निदेशक पद से हटाए गए आलोक वर्मा पर सरकारी आदेश की अवज्ञा के लिए पेंशन लाभ रोके जाने सहित विभागीय कार्रवाई की जा सकती है.सेवानिवृत्ति के दिन बृहस्पतिवार को उन्हें दमकल सेवा, नागरिक सुरक्षा और गृह रक्षा के प्रमुख का पद संभालने को कहा गया. अधिकारियों के मुताबिक निर्देश का पालन नहीं होना अखिल भारतीय सेवा अधिकारियों के लिए सेवा नियमों का उल्लंघन है. 

गृह मंत्रालय ने वर्मा को बृहस्पतिवार को दमकल सेवा, नागरिक सुरक्षा और गृह रक्षा विभाग के महानिदेशक का पद संभालने का निर्देश दिया था. गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि चूंकि निर्देश के मुताबिक वर्मा ने नयी जिम्मेदारी लेने से इंकार कर दिया इसलिए पेंशन रोके जाने सहित उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा सकती है.

बुधवार को वर्मा को भेजे गए एक पत्र में गृह मंत्रालय ने कहा कि ‘आपको महानिदेशक दमकल सेवा, नागरिक सुरक्षा और गृह रक्षा का पद तत्काल संभालने का निर्देश दिया जाता है.’ उसी दिन पत्र के जवाब में वर्मा ने अपना रूख दोहराया कि वह 10 जनवरी 2019 की शाम से सीबीआई निदेशक के पद से सेवानिवृत्त हो गए. गृह मंत्रालय में उप सचिव आर एस वैद्य को अपने जवाब में वर्मा ने कहा कि आधिकारिक रिकार्ड में उनकी जन्म की तारीख 14 जुलाई 1957 दर्ज है, इसके मुताबिक उनकी सेवानिवृत्ति की तारीख 31 जुलाई 2017 है.

उन्होंने कहा कि 10 जनवरी 2019 की शाम सीबीआई पद से हट गए और सेवानिवृत्ति की तारीख के बाद सीबीआई निदेशक बने. इसलिए 10 जनवरी 2019 की शाम से सीबीआई निदेशक पद से सेवानिवृत्त हैं.

माना जा रहा है कि इस पत्र के जरिए सरकार ने वर्मा की ओर से कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव को लिखे उस पत्र को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें 31 जुलाई 2017 को सेवानिवृत्त माना जाए क्योंकि उस दिन वह 60 साल की उम्र पूरी कर चुके थे.

वर्मा ने दलील थी कि दमकल सेवा, नागरिक सुरक्षा और गृह रक्षा के महानिदेशक के लिए वह उम्र सीमा को पार कर गए हैं और वह चाहते हैं कि उन्हें सीबीआई से हटाए जाने वाले दिन से सेवानिवृत्त समझा जाए.

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