आगामी लोक सभा चुनाव को लेकर राहुल गाँधी बहुत गंभीर हो गए हैं और इसके लिए वे भाजपा की शैली को समझते हुए उसी की रणनीति का अनुसरण कर उसे हराने के लिए लोहे को लोहे से काटने की तर्ज पर राहुल गांधी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सुप्रीमो शरद पवार से मुलाक़ात की .राहुल गांधी की शरद पवार से हुई मुलाकात के कई अर्थ निकल रहे हैं.
आपको बता दें कि पिछले दिनों बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मुंबई जाकर शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी.हालाँकि इस मुलाक़ात को संपर्क फॉर समर्थन का हिस्सा बताया था , लेकिन खास तौर से इस मुलाक़ात का मकसद शिव सेना को साथ लेकर चुनाव लड़ने के लिए समझाना था , लेकिन शिव सेना ने अलग रहकर चुनाव लड़ने के फैसले में एनसीपी के शरद पवार को भी संभावनाएं दिखाई देने लगी और वो राहुल गाँधी के बुलावे पर दिल्ली पहुँच गए. जबकि अमित शाह ने खुद मुंबई में उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी.
उल्लेखनीय है कि इस मुलाकात में शरद पवार ने राहुल गाँधी को सियासी मन्त्र मंत्र देते हुए फ़िलहाल पूरा ध्यान एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ पर केंद्रित करने को कहा, क्योंकि इन तीन राज्यों में बीजेपी का विजय रथ रुक गया तो इसका लाभ आगामी लोक सभा चुनाव पर भी पड़ेगा. कहा जा रहा है कि भाजपा को हराने के लिए राहुल गाँधी जल्द ही लालू प्रसाद यादव, ममता बनर्जी, चंद्र बाबू नायडू और समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह बसपा प्रमुख मायावती से भी मिलेंगे. राहुल गाँधी ने भी अमित शाह की ही तरह सम्पर्क से समर्थन साधने की नीति अपना ली है. इसी रणनीति से वे भाजपा को निपटाएंगे.
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