14 फरवरी को जम्मू कश्मीर में सीआरपीएफ के काफिले पर हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है. आतंकवाद का समर्थन करने के लिए पाकिस्तान को सारी दुनिया के तिरस्कार का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, तालिबान पाकिस्तान के साथ खड़ा हुआ है. तालिबान ने बुधवार को चेतावनी दी कि भारत और पाकिस्तान के बीच चल रही झड़पें अफगान शांति प्रक्रिया को प्रभावित करेंगी और पिछले दिनों पाकिस्तान में एक आतंकवादी शिविर के खिलाफ हवाई हमले के बाद भारत को आगे की सैन्य कार्रवाई से परहेज करने के लिए कहा है.
तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने एक बयान में कहा, “भारत-पाकिस्तान के बीच इस तरह के संघर्ष के जारी रहने से अफगानिस्तान की शांति प्रक्रिया प्रभावित होगी.” मुजाहिद ने कहा, “भारत को पाकिस्तान में किसी भी तरह की हिंसा नहीं करनी चाहिए क्योंकि इसकी निरंतरता क्षेत्रीय सुरक्षा को प्रभावित करेंगी. इस तरह के संघर्ष को जारी रखने से भारत को काफी नुकसान होगा.”
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, तालिबान ने उसी समय बयान जारी किया कि उसके नेता कतर में अमेरिकी अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य अफगानिस्तान में 17 साल के युद्ध को समाप्त करना है.
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