शहर के तेजाजीनगर स्थित आरटीओ कार्यालय में फर्जी अंकसूची के आधार पर हेवी व्हीकल ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने का मामला सामने आया था। इस मामले को पुलिस ने गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू की तो पता चला कि हेवी व्हीकल का लाइसेंस बनवाने के लिए मार्कशीट की आवश्यकत्ता होती थी। किसी के पास मार्कशीट उपलब्ध नहीं होने पर आरटीओ एजेंट बड़ी कीमत लेकर इसे उपलब्ध करवाते थे।
पुलिस ने जांच के बाद जब एजेंट अर्पित, विकास, प्रेमसागर और नजीर से पूछताछ की तो उन्होंने यह बात स्वीकार कर ली कि ज्यादा पैसे लेकर वे फर्जी मार्कशीट के आधार पर हेवी व्हीकल लाइसेंस बनवाते थे। उन्होंने तीन साल में बड़ी संख्या में ऐसे लाइसेंस बनवाए हैं। इनके पास करीब 100 फर्जी मार्कशीट, विभिन्न स्कूलों की दस सील और विभिन्न थानों की सील भी जब्त की गई है।
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