वाशिंगटन : अमेरिका के दो लड़ाकू जहाज़ ताइवान के सागर में गए हैं। इसके लिए चीन ने विरोध दर्ज कराया है। इससे अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ेगा। चीन आज भी ताइवान को अपना एक हिस्सा मानता है, जबकि ताइवान एक स्वतंत्र देश के रूप में चीन के साथ पेश आना चाहता है। ऐसी स्थिति में पेंटागन की ओर से दो लड़ाकू जहाज़ों- विलियम पी लारेंस और सटेथम का ताइवान के 180 किलो मीटर जलडमरू मध्य में उतारना चीन को आंखें दिखाना है।
यूएस नौसेना के प्रवक्ता ने कहा है कि हिन्द प्रशांत महासागर के मार्ग में इन दो लड़ाकू जहाज़ों का आवागमन हिन्द प्रशांत रणनीति का एक हिस्सा है। ताइवान सेना ने कहा है कि अमेरिकी जहाज़ ताइवान जलडमरू मध्य से उत्तर की ओर बढ़ रहे हैं। चीन ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई है। पेंटागन के अनुसार अमेरिका ने ताइवान को हाल में 15 अरब डालर के अस्त्र-शस्त्र दिए हैं। उधर चीनी प्रशासन ताइवान पर अपना आधिपत्य समझता है और उसकी हवाई लड़ाकू जहाज़ और नौसेना के जहाज़ ताइवान के इर्द-गिर्द चक्कर लगाते रहते हैं।
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