पाकिस्तान में हजारों की संख्या में शिया मुस्लिम राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के कराची स्थित घर के सामने धरने पर बैठे हैं। समुदाय का आरोप है कि सरकारी एजेंसियां जिन शिया युवकों को घरों से उठाकर ले जाती हैं उनकी कोई खबर नहीं मिलती। पिछले एक महीने में दर्जनों युवकों को ले जाया गया, लेकिन उनकी जानकारी नहीं दी गई है।

बताया जाता है कि युवकों ने सोशल मीडिया पर सरकार की आतंकवाद को प्रोत्साहन देने वाली नीतियों की आलोचना की थी। कुछ युवकों ने प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ टिप्पणी की थी।
धरना दे रहे लोगों में गायब किए गए युवकों की मां भी शामिल हैं। शिया औरतों ने कहा कि पाकिस्तान सरकार दुनिया भर के मुसलमानों का रोना रोती रहती है लेकिन अपने नागरिकों पर वह जुल्म ढा रही है।
दूसरी ओर एक पाकिस्तानी न्यूज चैनल ने बताया है कि शिया समुदाय के दबाव में पाकिस्तान सरकार ने लगभग एक दर्जन शिया युवकों को छोड़ दिया है। चैनल ने रिहा किए गए युवकों के नाम मुस्सविर काजमी, विकार, जाफर , इमरान, अलमदार जैदी, मोहम्मद अब्बास, मतलूब मूसवी, इजलाल, मोहतशिम, मुनव्वर हुसैन, कामरान जाकिर, और मुबशिर अली बताए हैं। लेकिन अभी भी पाकिस्तान में सैकड़ों शिया युवक लापता हैं।
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