बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने लोकसभा चुनाव 2019 में मिली हार के लिए समाजवादी पार्टी को ज़िम्मेदार बताया है. मायावती ने साफ कहा कि समाजावादी पार्टी के बड़े नेताओं की हार से साफ है कि समाजवादी पार्टी का वोट एकजुट नहीं हुआ. साथ ही उन्होंने ऐलान कर दिया कि बीएसपी अकेले दम पर ही कुछ सीटों पर विधानसभा उपचुनाव लड़ेगी. इतना ही नहीं मायावती ने अखिलेश को नसीहत देते हुए कहा की अगर उनके कुछ नेताओं में सुधार नहीं होता है तो समाजवादी पार्टी की स्थिति ठीक नहीं होती है तो उनके साथ ऐसे में चलना बड़ा मुश्किल होगा.
मायावती ने कही ये बड़ी बातें…
-अगर सपा प्रमुख अपने लोगों को मिशनरी बनाने के काम में लग जाते हैं तो हम उनके साथ आगे भी रहेंगे, लेकिन अगर वे ऐसा नहीं करते या कर पाए तो हमें अकेले ही आगे चलना पड़ेगा.
-मौजूदा स्थिति में हमने कुछ सीटों पर यूपी विधानसभा उप चुनावों में अकेले लड़ने का फैसला किया है.
-अखिलेश और डिंपल मेरा सम्मान करते हैं.
-मैंने भी पुराने गिले-शिकवे भूलकर सम्मान दिया है.
-हमारे रिश्ते राजनीतिक रिश्ते ही नहीं, हर सुख-दुख में बने हैं.
-लेकिन राजनीतिक व्यवस्थाओं को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.-दुख के साथ कहना पड़ता है कि लोकसभा चुनावों में सपा का अपना यादव बेस वोट टिककर नहीं रह सका.
-ऐसे में अन्य सीटों के साथ-साथ डिंपल यादव और धर्मेंद्र यादव का हार जाना भी हमें सोचने पर मजबूर करता है.
-हालांकि ईवीएम का मुद्दा भी है.
-इनकी हार का हमारी पार्टी को दुख है. वह भी हमें सोचने पर मजबूर करता है.
साथ ही सपा का बेस वोट हमें कैसे वोट मिला होगा, ये सोचने वाली बात है.
-समीक्षा में पाया गया है कि बीएसपी कैडर बेस पार्टी है, एसपी के साथ चुनाव लड़ी, लेकिन इसमें भी कोई खास नहीं हो सका है.
-कोई स्थानीय ब्रेक नहीं लगा है. अगर मुझे लगेगा कि सपा प्रमुख अपने लोगों को मिशनरी बनाने में कामयाब हो जाते हैं तो साथ में लड़ेंगे.
-इसलिए वर्तमान स्थिति में उपचुनाव में अकेले चुनाव में लड़ने का निर्णय लिया है.
Shaurya Times | शौर्य टाइम्स Latest Hindi News Portal