ईंट-भट्टे पर काम करने वाले मजदूर की पांच साल की बेटी का अपहरण और दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। बच्ची के साथ कुकर्म करने वालों ने ईंट से उसका चेहरा कुचलने के साथ ही शव नदी में फेंक दिया था। अब इस मामले में उज्जैन पुलिस ने दो आरोपियों को हिरासत में लिया है। उज्जैन एसपी सचिन अतुलकर ने बताया कि, इस मामले में एसआईटी बनाकर जांच शुरू कर दी गई है। संदेहियों से पूछताछ चल रही है। जल्द ही और खुलासे हो सकते हैं।
महाकाल थाना प्रभारी अरविंद तोमर ने बताया कि आगर के ग्राम आवर निवासी व्यक्ति छह माह से भूखी माता मंदिर के समीप बायपास स्थित ईंट-भट्टे पर पत्नी व मां-बाप के साथ मजदूरी करता है। भट्टे के समीप ही युवक ने झोपड़ी बना रखी है। वह परिवार सहित यहीं रहता है। उसकी तीन पुत्रियां व एक पुत्र है।
सूचना मिलने पर महाकाल पुलिस मौके पर पहुंची और बालिका की तलाश की। दोपहर करीब तीन बजे भूखी माता मंदिर के समीप शिप्रा नदी में नहा रहे कुछ बच्चों ने बालिका का शव देखा और समीप के खेत में काम कर रही महिला को इसकी जानकारी दी। इस पर पुलिस को सूचना की गई। पुलिस ने शव पानी से निकलवाया उसकी शिनाख्त गायब बालिका के रूप में हुई।
खेत में मिले कपड़े, खून से सनी ईंट
शव का पोस्टमार्टम जिला अस्पताल में तीन डॉक्टरों की पैनल ने किया। पीएम में बालिका के चेहरे पर पांच फ्रैक्चर मिले हैं। नाक, गाल व सिर की हडि्डयां टूटी हुई थीं। इसके अलावा चेहरा बुरी तरह कुचला हुआ था। प्रारंभिक जांच में दुष्कर्म की पुष्टि हुई।
उधर पुलिस को नदी के किनारे से बच्ची के कपड़े, खून से सनी ईंट और शराब की बोतल भी मिली है। पुलिस के अनुसार ईंट-भट्टे पर 150 से ज्यादा मजदूर काम करते हैं। पुलिस के अनुसार सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है। घटना के दौरान आसपास के मोबाइल लोकेशन भी ट्रेस किए जा रहे हैं।
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