मुख्तार के भी जेल से निकलने की अटकलें बढ़ी
गाजीपुर : बहुचर्चित कृष्णानन्द राय हत्याकांड में सीबीआई कोर्ट से बेकसूर साबित होने के बाद मऊ विधायक मुख्तार अंसारी के बहनोई और मुहम्मदाबाद नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन एजाजुल हक अंसारी करीब 14 साल बाद गाजीपुर जेल से रिहा हुए। शुक्रवार की सुबह करीब सवा नौ बजे वह जेल से बाहर निकले। उसके बाद जेल गेट पर मौजूद उनके परिवारीजन उन्हें लेकर घर यूसुफपुर के लिए रवाना हो गए।
कृष्णानंद हत्याकांड में सीबीआई कोर्ट का फैसला आने के बाद मुख्तार के भी जेल से बाहर आने को लेकर अटकलें शुरू हो गईं हैं। फिलफाल वह पंजाब की रोपड़ जेल में निरुद्ध हैं। लोकसभा चुनाव से पहले किसी व्यापारी से दस करोड़ की रंगदारी मांगने के कथित मामले में पंजाब पुलिस वारंट बी तामिल कराकर यूपी की बांदा जेल में बंद रहे मुख्तार को अपने साथ ले गई थी। कृष्णानंद हत्याकांड में बेकसूर साबित होने से पहले ही मुख्तार अन्य मामलों में संबंधित अदालतों से बरी हो चुके हैं या उन्हें जमानत मिल चुकी है। इस दशा में हैरानी नहीं कि मुख्तार भी जल्द ही जेल से बाहर आ जाएं।
भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की भांवरकोल थाने की बसनिया चट्टी के पास 29 नवंबर 2005 को हत्या हुई थी। उस हमले में कृष्णानंद के सरकारी अंगरक्षक तथा चालक सहित अन्य छह लोग भी मारे गए थे। घटना की एफआईआर कृष्णानंद के भाई रामनारायण राय ने दर्ज कराई थी। उसमें उन्होंने मऊ विधायक मुख्तार अंसारी तथा उनके सांसद भाई अफजाल अंसारी के अलावा बहनोई एजाजुलहक अंसारी, माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी आदि को नामजद किया था।
Shaurya Times | शौर्य टाइम्स Latest Hindi News Portal