पाक मीडिया में सुर्खियां बनी कश्मीर सम्बंधी खबरें

तिलमिलाया पाकिस्तान, भारत के कदम को हिंदूवादी साजिश करार दिया

नई दिल्ली : जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। इस स्वीकार्य हकीकत के बावजूद पाकिस्तान अपनी सरजमीन से कश्मीर में अशांति फैलाने के नापाक मंसूबे रचता रहता है। ऐसे में भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद-370 और 35-ए को निरस्त किए जाने जैसे बड़े फैसले पर उसका तिलमिलाना स्वाभाविक है। मंगलवार को पाकिस्तान से प्रकाशित सभी समाचारपत्रों ने इसे अपना प्रमुख समाचार बनाया है। अधिकतर अखबारों ने इसे बैनर हेडलाइन अर्थात पूरे आठ कॉलम का शीर्षक बनाकर छापा है। रोजनामा दुनिया और एक्सप्रेस न्यूज ने इस समाचार को लगभग एक जैसे शीर्षक ‘कश्मीर का विशेष संवैधानिक दर्जा खत्म’ से चलाया है। प्रतिष्ठित उर्दू दैनिक जंग ने इसे ‘भारत ने कश्मीर हड़प कर लिया, विशेष दर्जा, झंडा और संविधान का अधिकार समाप्त’ के शीर्षक से प्रकाशित किया है। एक और बड़े उर्दू दैनिक नवाएक्त ने ‘काबिज भारत की कश्मीरियों के अधिकारों पर बड़ी डकैती’ के हेडलाइन से प्रकाशित किया है तो वहीं रोजनामा पाकिस्तान ने इसे ‘अधिकृत कश्मीर को और अधिकृत बनाने की साजिश’ के शीर्षक से छापा है। इन सभी समाचारपत्रों ने एक जैसी रिपोर्टिंग करते हुए लिखा है कि भारत ने कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया। भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कश्मीर के विशेष दर्जे से सम्बंधित संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के बिल पर हस्ताक्षर कर दिए। भारतीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिल राज्यसभा में पेश करते हुए बताया कि राष्ट्रपति ने बिल पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इसके साथ ही अब कश्मीर रियासत नहीं बल्कि संघीय ढांचा कहलाएगा।
इससे रियासत के अलग झंडे और संविधान की हैसियत खत्म हो गई। इसके अलावा मोदी सरकार ने रियासत को दो हिस्सों में विभाजित कर लद्दाख को अलग कर दिया। लद्दाख को केंद्र शाषित प्रदेश करार दिया गया है। कई अखबारों ने कश्मीर के सम्बंध में भारत द्वारा लिए गए इन फैसलों को इजराइल की तर्ज पर कश्मीर में हिंदुओं को बसाने और मुसलमानों को अल्पसंख्यक बनाने की साजिश करार दिया है। अखबारों ने लिखा है कि इसके विरुद्ध राज्यसभा में जबरदस्त हंगामा हुआ। विपक्ष ने वॉकआउट किया। दो कश्मीरी राज्यसभा सदस्यों ने संविधान की प्रतियां फाड़ डालीं। रोजनामा पाकिस्तान ने अपनी खबर में लिखा है कि भारत ने इस फैसले से अपने संविधान को स्वयं रौंद डाला। भारत के इस फैसले पर पाकिस्तानी राष्ट्रपति आरिफ अलवी द्वारा मंगलवार को पार्लियामेंट का संयुक्त सत्र तलब किए जाने और पाकिस्तानी सेना प्रमुख कमर बाजवा के जरिए कोर कमांडर्स कांफ्रेंस बुलाए जाने को रोजनामा पाकिस्तान और एक्सप्रेस न्यूज समेत कई समाचारपत्रों ने दूसरा लीड समाचार बनाया है। इसमें पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय द्वारा भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को तलब कर एक विरोध पत्र सौंपे जाने की खबर को भी शामिल किया गया है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com