मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने ईडी के जवाब पर राॅबर्ट वाड्रा को पक्ष रखने के लिए 4 हफ़्ते का और वक्त दिया है.दरअसल, वाड्रा ने अपना पक्ष रखने के लिए कोर्ट से और समय मांगा था.इससे पहले ईडी ने जवाब दाखिल कर वाड्रा की याचिका का विरोध किया था.रोबर्ट वाड्रा ने अपने खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत दर्ज एफआईआर को चुनौती दी है और उसे रद्द करने की मांग की है.इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट ने वाड्रा को पांच लाख रूपए के निजी मुचलके पर अग्रिम जमानत दे दी थी.
कोर्ट ने वाड्रा को निर्देश दिया था कि वो ईडी की जांच में सहयोग करेंगे और गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे.कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि वाड्रा अदालत के आदेश के बिना विदेश नहीं जा सकेंगे. इसके अलावा वाड्रा के करीबी मनोज अरोड़ा को भी कोर्ट ने अग्रिम जमानत दे दी थी.
आपको बता दें कि ईडी इस केस में रॉबर्ट वाड्रा से 7 बार पूछताछ कर चुकी है. वाड्रा पर देश से बाहर बेनामी संपत्ति रखने का आरोप है.इससे पहले राजस्थान और हरियाणा में जमीन के कई सौदों को लेकर भी वे आरोपों के घेरे में रहे हैं.इससे पहले ईडी ने अदालत को बताया था कि आयकरविभागकी एक अन्य जांच में मनोज अरोड़ा का नाम सामने आने के बाद उनके खिलाफ मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया गया. यह भी बताया था कि लंदन में रॉबर्ट वाड्रा द्वारा खरीदी गई संपत्ति में मनोज अरोड़ा की अहम भूमिका है और उन्होंने इस संपत्ति को खरीदने में वाड्रा की मदद की है.
दूसरी तरफ अग्रिम जमानत याचिका में मनोज अरोड़ा ने आरोप लगाया था कि विदेश में संपत्तियों की खरीद से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में ईडी उन पर उनके नियोक्ता रॉबर्ट वाड्रा को गलत तरीके से फंसाने का दबाव बना रही है. वाड्रा की स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी कंपनी में काम करने वाले अरोड़ा ने यह भी आरोप लगाया था कि पूछताछ के लिए उनकी पत्नी जांच एजेंसी के सामने पेश हुई थीं और ईडी अधिकारियों ने वाड्रा को फंसाने के लिए उन्हें धमकाया था.कहा था कि ऐसा नहीं किया तो उनके पति और परिवार का भविष्य खराब कर देंगे.
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