भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 33 वर्षीय अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने जम्मू-कश्मीर में लगाए गए प्रतिबंध और मौलिक अधिकारों के हनन के विरोध में 21 अगस्त को इस्तीफा दे दिया था. केरल में 2018 में आई बाढ़ के दौरान उनके काम की काफी सराहना हुई थी. बात करते हुए कन्नन ने कहा कि पद छोड़ने का निर्णय एमएचए के नोटिस के आधार पर नहीं था, बल्कि कश्मीर के मौलिक अधिकारों के लिए उनका निर्णय था. गोपीनाथन की फैमिली ने उनके फैसले का समर्थन किया है.

मिली जानकारी के मुताबिक, आईएएस अधिकारी को गृह मंत्रालय (एमएचए) के अंडर सेक्रटरी राकेश कुमार सिंह की ओर से जुलाई में ‘एक्ट ऑफ ऑमिशन एंड कमीशन’ को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. दो पेज के इस नोटिस में बड़े पैमाने पर बाढ़ के मद्देनजर अपने गृह राज्य केरल का दौरा करना भी शामिल है. इसके अलावा नोटिस में विभिन्न श्रेणियों के तहत प्रधानमंत्री पुरस्कार के लिए नामांकित व्यक्तियों की तैयारी के संबंध में था, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि कन्नन दिए गए निर्देशों का पालन करने में विफल रहे थे.
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