हमीरपुर में बाढ़ से भारी तबाही, सैकड़ों मकान गिरे, गांवों में भी जन-धन की हानि

यमुना ने तोड़ा नौ साल की बाढ़ का रिकॉर्ड, शिविरों में शिफ्ट किए गए बाढ़ पीड़ित

हमीरपुर : यमुना और बेतवा नदियों में लाखों क्यूसेक पानी लगातार डिस्चार्ज होने से यहां हमीरपुर में बाढ़ के हालात और भयावह होने लगे हैं। गुरुवार को शहर के डिग्गी सहित कई मोहल्ले बाढ़ के पानी में जलमग्न हो चुके हैं और पचास से अधिक घर भी बाढ़ के पानी में ढह गये हैं। घनी आबादी वाले खालेपुरा, गौरादेवी व पुराना जमुना घाट के निचले इलाके में सैकड़ों घर बाढ़ से प्रभावित है। प्रशासन ने शहर के अंदर कई मोहल्लों में बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत सामग्री बांटी है लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में बाढ़ पीड़ित खुले आसमान के नीचे सड़क और ऊंचाई वाले स्थानों पर मवेशियों के साथ डेरा डाले हैं जिन्हें अभी भी मदद की दरकार है। हालांकि प्रशासन ने पुलिस की मदद से बाढ़ प्रभावित इलाकों को खाली कराकर पीड़ितों को राहत शिविर में शिफ्ट कराया है।

पिछले एक हफ्ते से हमीरपुर यमुना और बेतवा नदियों की बाढ़ की चपेट में है। गुरुवार को यहां दोनों नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। यमुना नदी का जलस्तर 106.340 मीटर पार कर गया है जो खतरे के निशान से करीब तीन मीटर ऊपर है। बेतवा नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान से करीब डेढ़ मीटर ऊपर है। इस नदी का जलस्तर इस समय 105.810 मीटर पार हो गया है। हमीरपुर जिला मुख्यालय के डिग्गी मुहाल में बेतवा नदी की बाढ़ का पानी घुस जाने से कम से कम चार सौ मकान पानी से घिर गये हैं वहीं पचास से अधिक मकान भी ढह गये हैं। डिग्गी में घुसा बाढ़ का पानी डेरा तक आगे बढ़ गया है जिससे यहां भी तीन सौ अधिक मकान बाढ़ के पानी से जलमग्न हो गये हैं। इस डेरा में भी कई कच्चे मकान गिर गये हैं। केसरिया का डेरा, भोला का डेरा, मेरापुर, भिलांवा, चुनकू का डेरा सहित कई इलाके में सैकड़ों मकान बाढ़ के पानी से जलमग्न है। इधर हमीरपुर नगर में पुराना जमुना घाट के ऊपर सड़क तक यमुना नदी की बाढ़ का पानी आ गया है जिससे लोगों में दहशत मची है।

पुराना यमुना घाट के निचले इलाके से होते हुये यमुना नदी की बाढ़ का पानी कालपी चौराहा के गौरादेवी मुहल्ले में भी घुस गया है जिससे करीब दो सौ मकान पानी से घिर गये हैं। लोगों के घरों के अंदर तक बाढ़ का पानी घुस गया है। पीड़ितों ने गृहस्थी समेट कर मकान की छत पर डेरा डाला है। नगर के खालेपुरा मुहाल में आधे से अधिक बस्ती बेतवा नदी की बाढ़ से जलमग्न है। अब तो नगर के अंदर भी नावें चलायी जा रही हैं। जिले के कुरारा क्षेत्र के पटिया, कोतूपुर, उमराहट, मनकीकला सहित कई गांवों में भी बाढ़ का पानी घुस गया है जिससे बड़ी संख्या में कच्चे मकान गिर गये है। लोगों में हाहाकार मचा हुआ है। कुछेछा के पास राठ-हमीरपुर मार्ग पर बेतवा नदी की बाढ़ का पानी भर जाने से पिछले 24 घंटे से इस मार्ग पर आवागमन ठप है। टिकरौली में रपटा पुल बाढ़ में डूब जाने से एक दर्जन गांवों का सम्पर्क हफ्ते भर से कटा हुआ है। मौदहा बांध निर्माण खण्ड के अधिशाषी अभियंता एके निरंजन ने बताया कि बेतवा और यमुना नदियों का जलस्तर इस समय एक सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। दोनों नदियों के जलस्तर पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि माताटीला बांध से डेढ़ लाख क्यूसेक पानी बेतवा नदी में छोड़ा गया है। कोटा बैराज का पानी लगातार डिस्चार्ज होने से यहां नदियों का जलस्तर 106.500 मीटर से 107.00 मीटर तक पहुंच सकता है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com