नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को कहा कि कंपनी सचिव एक प्रशासन पेशेवर और एक आंतरिक व्यापार भागीदार की भूमिका निभाते हैं। उन्हें एक जिम्मेदार कारोबार को बढ़ावा देना चाहिए और बड़े सामाजिक-आर्थिक लक्ष्यों के साथ आर्थिक उद्देश्यों को संतुलित करना चाहिए। राष्ट्रपति ने विज्ञान भवन में भारतीय कंपनी सचिव संस्थान के 51वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि कुशल, निष्पक्ष एवं उपयुक्त कंपनी प्रशासन व्यवस्था हमारे राष्ट्र-निर्माण का एक प्रमुख घटक है। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में हमने देखा है कि कैसे कुछ व्यावसायिक उद्यमों ने लोगों का भरोसा तोड़ा है। कंपनियां या तो लड़खड़ा गई हैं या उनमें ठहराव पर आ गया। इस प्रक्रिया में आम लोगों को नुकसान उठाना पड़ा है।
कोविंद ने कहा कि कंपनी सचिव को यह अवश्य सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी हितधारक मुनाफा और मुनाफाखोरी के बीच अंतर को समझें और कानून का पालन करें। उन्हें उन मुद्दों पर अवश्य विचार-विमर्श करना चाहिए जहां हमें सुधार की आवश्यकता है ताकि अतीत की गलतियों या सीमाओं से निपटा जा सके। राष्ट्रपति ने कहा कि कंपनी प्रशासन की अवधारणा जटिल है लेकिन जिन सिद्धांतों पर यह आधारित है वे बिलकुल स्पष्ट हैं। पारदर्शिता, जवाबदेही, ईमानदारी और निष्पक्षता इसके चार स्तंभ हैं। कंपनी सचिवों को जिम्मेदारीपूर्वक यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इन सिद्धांतों को व्यवहार में कैसे लाया जाए। भारत ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार एवं निवेश के एक प्रमुख केन्द्रों के रूप में अपने ब्रांड मूल्य को बढ़ाने के लिए एक रूपरेखा तैयार की है। इसके लिए एक महत्वपूर्ण सवाल यह है कि कंपनी कानूनों को पारदर्शी तरीके से किस प्रकार लागू किया जाएगा।
Shaurya Times | शौर्य टाइम्स Latest Hindi News Portal