पाक चुनाव: पूर्व पीएम खाकान अब्बासी के समर्थन में उतरा चरमपंथी संगठन

पाकिस्तान में पिछले महीने तक प्रतिबंधित रहे एक चरमपंथी जातीय संगठन ने आम चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया है.पाकिस्तान में पिछले महीने तक प्रतिबंधित रहे एक चरमपंथी जातीय संगठन ने आम चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया है.  पीएमएल-एन के वरिष्ठ नेता अब्बासी ने इससे पहले उसके स्थानीय कार्यालय जाकर उससे समर्थन मांगा था. पिछले साल जुलाई में उच्चतम न्यायालय द्वारा नवाज शरीफ को अयोग्य ठहराये जाने के बाद अब्बासी प्रधानमंत्री बने थे. वह पाकिस्तान तहरीक-ए- इंसाफ पार्टी के प्रमुख इमरान खान के खिलाफ नेशनल एसेम्बली की सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं.  एक्प्रेस ट्रिब्यून की खबर के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री 10 जुलाई को अहले सुन्नत वल जमात (एएसडब्ल्यू) के कार्यालय गये थे और चुनाव में उससे समर्थन मांगा था. अहले सुन्नत वल जमात पहले सिपह-ए- सहाबा के नाम से जाना जाता था.  एएसडब्ल्यू प्रवक्ता ने अखबार से कहा, 'हां, हमने शाहिद खाकान अब्बासी के लिए अपने समर्थन का एलान किया है. उन्होंने हमारा समर्थन मांगा था और 10 जुलाई को और आज भी हमारे यहां आए थे.' प्रवक्ता ने साफ किया कि एएसडब्ल्यू केवल अब्बासी का समर्थन करेगा न कि (यहां एवं अन्य प्रांतों में) पीएमएल(एन) का.  पिछले महीने पाकिस्तान ने एएसडब्ल्यू पर से पाबंदी हटा ली थी और उसके प्रमुख अहमद लुधियानवी की संपत्ति पर से रोक उठा ली थी जबकि इस आश्चर्यजनक फैसले से महज चंद घंटे पहले पाकिस्तान को आतंकवाद के वित्त पोषण को रोकने में असफल रहने पर वित्तीय कार्रवाई कार्यबल ने ग्रे सूची में डाल दिया था.  सिपह-ए-सहाबा 1990 के दशक में विद्वानों, मस्जिदों और शियाओं पर हमलों में कथित रूप से शामिल रहा था.

पीएमएल-एन के वरिष्ठ नेता अब्बासी ने इससे पहले उसके स्थानीय कार्यालय जाकर उससे समर्थन मांगा था. पिछले साल जुलाई में उच्चतम न्यायालय द्वारा नवाज शरीफ को अयोग्य ठहराये जाने के बाद अब्बासी प्रधानमंत्री बने थे. वह पाकिस्तान तहरीक-ए- इंसाफ पार्टी के प्रमुख इमरान खान के खिलाफ नेशनल एसेम्बली की सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं.

एक्प्रेस ट्रिब्यून की खबर के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री 10 जुलाई को अहले सुन्नत वल जमात (एएसडब्ल्यू) के कार्यालय गये थे और चुनाव में उससे समर्थन मांगा था. अहले सुन्नत वल जमात पहले सिपह-ए- सहाबा के नाम से जाना जाता था.

एएसडब्ल्यू प्रवक्ता ने अखबार से कहा, ‘हां, हमने शाहिद खाकान अब्बासी के लिए अपने समर्थन का एलान किया है. उन्होंने हमारा समर्थन मांगा था और 10 जुलाई को और आज भी हमारे यहां आए थे.’ प्रवक्ता ने साफ किया कि एएसडब्ल्यू केवल अब्बासी का समर्थन करेगा न कि (यहां एवं अन्य प्रांतों में) पीएमएल(एन) का.

पिछले महीने पाकिस्तान ने एएसडब्ल्यू पर से पाबंदी हटा ली थी और उसके प्रमुख अहमद लुधियानवी की संपत्ति पर से रोक उठा ली थी जबकि इस आश्चर्यजनक फैसले से महज चंद घंटे पहले पाकिस्तान को आतंकवाद के वित्त पोषण को रोकने में असफल रहने पर वित्तीय कार्रवाई कार्यबल ने ग्रे सूची में डाल दिया था.  सिपह-ए-सहाबा 1990 के दशक में विद्वानों, मस्जिदों और शियाओं पर हमलों में कथित रूप से शामिल रहा था.

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