भाजपा ने चुनाव के दौरान ही कहा था कि फडणवीस होंगे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री
नई दिल्ली : महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर चल रही खींचतान के बीच बीजेपी अध्यक्ष व गृहमंत्री अमित शाह ने चुप्पी तोड़ी है। राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के मुद्दे पर शाह ने शिवसेना के रवैये पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि कई बार मैं और पीएम नरेंद्र मोदी सार्वजनिक तौर पर कह चुके थे कि हमारा गठबंधन चुनाव जीतेगा तो देवेंद्र फडणवीस सीएम होंगे। शाह ने कहा कि उस समय किसी ने इसका विरोध नहीं किया था। अब शिवसेना नई मांग के साथ सामने आ गई, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
अमित शाह ने कहा कि इससे पहले किसी भी राज्य में सरकार बनाने के लिए 18 दिन का समय नहीं दिया गया था। राज्यपाल ने विधानसभा का समय खत्म होने के बाद ही राजनीतिक दलों को बुलाया। न शिवसेना, न कांग्रेस और न ही एसीपी ने सरकार बनाने का दावा पेश किया। अगर आज की तारीख में किसी के पास नंबर हैं तो वह राज्यपाल के पास जा सकता है। उन्होंने कहा कि, आज भी दलों के पास मौका है, एकत्र होकर वे राज्यपाल के पास जा सकते हैं। मौका न देने का सवाल कहां है? इस मुद्दे पर विपक्ष कोरी राजनीति कर रहा है। एक संवैधानिक पद को राजनीति के लिए इस तरह के घसीटना लोकतंत्र के लिए स्वस्थ परंपरा नहीं है। राज्यपाल ने सबको छह महीने का समय दे दिया बनाओ भाई सरकार। शाह ने कहा कि, महाराष्ट्र में राज्यपाल ने उचित काम किया।
उन्होंने कहा कि मेरी पार्टी का संस्कार कमरे में हुई बात को सार्वजनिक करने का नहीं है। राज्यपाल शासन के कारण सबसे बड़ा नुकसान बीजेपी का हुआ है। केयरटेकर सरकार चली गई। विपक्ष का नुकसान नहीं हुआ है। हमने विश्वासघात नहीं किया है। हम तो शिवसेना के साथ सरकार बनाने के लिए तैयार थे। शिवसेना की कुछ चीजें हम मान नहीं सकते थे। पीएम मैंने और फडणवीस ने कई बार कहा कि अगर हमारी गठबंधन की सरकार आती है तो सीएम फडणवीस होंगे। नई शर्तों पर हमें दिक्कत है, पार्टी उचित समय पर इसपर विचार करेगी। शाह ने कहा कि मैं नहीं चाहता कि मध्यावधि चुनाव हो। जब 6 महीने समाप्त होंगे तो राज्यपाल इसपर कानूनी सलाह लेकर आगे बढ़ेंगे।
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