लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधान परिषद में स्नातक-शिक्षक कोटे की 11 सीटें अगले वर्ष खाली होने जा रहीं हैं। इसके लिए सियासी दलों ने तैयारियां प्रारम्भ कर दी हैं। सियासी दलों ने मतदाता सूची में अपने समर्थक शिक्षकों और स्नातकोें के नाम जुड़वाने की प्रक्रिया में तेजी कर दी है। विधान परिषद की 11 सीटों के लिए चुनाव की तैयारियों में प्रदेश की सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सबसे आगे चल रही है। पार्टी इस संबंध में राज्य मुख्यालय के अलावा संबंधित जिलों में अब तक कई बैठकें कर चुकी है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल लगातार सभी 11 विधान परिषद क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं। पार्टी ने अपने उम्मीदवारों के नाम भी लगभग तय कर दिये हैं। विपक्षी दलों में समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस ने भी विधान परिषद की इन सीटों पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। सपा ने तो अपने उम्मीदवारों की घोषणा भी कर दी है। हालांकि कांग्रेस अभी उम्मीदवारों का नाम तय नहीं कर पाई है।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने संबंधित पदाधिकारियों से अपने-अपने क्षेत्रों से मजबूत उम्मीदवारों के नाम देने को कहा है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में विधान परिषद के चुनाव को लेकर अभी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। बसपा यह चुनाव लड़ेगी अथवा नहीं, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है। इस संबंध में निर्णय बसपा सुप्रीमो मायावती को लेना है, इसलिए पार्टी का कोई पदाधिकारी फिलहाल मुंह खोलने को तैयार नहीं है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में विधान परिषद के स्नातक एवं शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से आठ-आठ विधान परिषद सदस्य चुने जाते हैं। इन 16 विधान परिषद सदस्यों (एमएलसी) में से 11 का कार्यकाल 6 मई 2020 को पूरा हो रहा है। ऐसे में निर्वाचन आयोग फरवरी से अप्रैल के बीच कभी भी इन 11 सीटों के लिए चुनाव करवा सकता है।
वैसे आयोग ने स्नातक व शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची तैयार करने का कार्यक्रम जारी कर दिया है। नवम्बर की 20 तारीख तक मतदाता सूची में नाम जोड़े जाएंगे। मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन इसी वर्ष 30 दिसम्बर को किया जाएगा। स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं को स्नातक होना आवश्यक होता है। ऐसे में वे लोग जो नवम्बर 2016 से पहले के ग्रेजुएट हैं, मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करा सकते हैं। मतदाता सूची को लेकर निर्वाचन आयोग के निर्देश जारी होने के बाद ही सियासी दल भी सक्रिय हो गये हैं। भाजपा ने तो इसके लिए बाकायदें कमेटियां गठित कर दी है और बड़ी तेजी के साथ पार्टी समर्थक शिक्षकों और स्नातकों को मतदाता सूची में शामिल करवाने की प्रक्रिया चल रही है।
ये हैं 11 सीटें
स्नातक निर्वाचन क्षेत्र
वाराणसी, इलाहाबाद-झांसी, आगरा-अलीगढ़, लखनऊ और मेरठ।
शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र
लखनऊ, वाराणसी, आगरा, मेरठ, बरेली-मुरादाबाद तथा गोरखपुर-फैजाबाद ।
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