लखनऊ : बसपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, महिला असुरक्षा व बदतर अपराध-नियंत्रण एवं कानून-व्यवस्था आदि ये व्यापक जनहित व देशहित के मुद्दों पर केन्द्र और उत्तर प्रदेश सरकार दोनों को ही मिलकर पूरी गंभीरतापूर्वक काम करने की जरूरत है। लखनऊ में बसपा के मुख्यालय पर पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बैठक की और उसमें आये पदाधिकारियों और पार्टी कार्यकर्ताओं को सम्बोधित किया। मायावती ने कहा कि केन्द्र और प्रदेश की सरकारों को जनहित और देशहित के मुद्दों पर गम्भीरता से काम करने की जरुरत है। सरकारों की अभी तक कोरी बयानबाजी व कागजी दावे सुनने देखने में आये हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार, दुष्कर्म, आपराधिक घटनाओं पर रोकथाम नहीं लग रही है, जनता इन सब मामलों में केवल ठोस कार्रवाई व बेहतर परिणाम ही होते हुये देखना चाहती है।
इसके अलावा, मायावती ने उत्तर प्रदेश सहित देश में महिलाओं के ऊपर लगातार बढ़ रही घटनाओं पर रोकथाम की मांग की। मायावती ने पार्टी के मूल मंत्र को देते हुए कहा कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर का यह मानना था कि केन्द्र व राज्यों में सत्ता लिये बिना उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में सर्वसमाज में से खासकर दलितों, आदिवासियों, अन्य पिछड़े वर्गों, मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों एवं अन्य उपेक्षित वर्गों के लोगों का भला नहीं हो सकता है। जिसके लिए इन लोगों को बसपा के बैनर तले संगठित होकर केन्द्र व राज्यों की भी सत्ता खुद अपने हाथों में ही लेनी होगी। बैठक में बसपा अध्यक्ष मायावती ने पिछले दिनों बसपा पदाधिकारियों को दिये गये कार्यों की समीक्षा भी की और उसमें जिले के एक-एक पदाधिकारी से वहां की रिर्पोट मांगी। मायावती ने नागरिकता संशोधन विधेयक के प्रति लिए गए स्टैण्ड की सराहना करते हुए प्रसन्नता जाहिर की।
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